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अनावश्यक राशि कटने से बचाने का झांसा देकर शातिर ठग ने एफडी के साढ़े 5 लाख उड़ाए

ब्यूरो चीफ़ शिवकुमार शर्मा
बारां राजस्थान

हरिपुरा गांव की है घटना, बारां के एयू बैंक में पत्नी के नाम करा रखी थी एफडी, पीड़ित का खाता भी किया साफ

बारां 24 जून। अनावश्यक राशि कटने से बचाने के लिए मोबाइल पर एप डाउनलोड करने का झांसा देकर शातिर ठग ने एक महिला की एफडी सहित उसके पति के खाते से 5 लाख 66 हजार 500 रूपए उड़ा लिए। पीड़ित दंपति को इसकी सूचना बैंककर्मी से मिली, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। तुरंत गांव से बैंक पहुंचे और स्टेटमेंट निकाला, तो दोनों के खाते साफ किए जा चुके थे। इसके बाद पीड़ित ने साईबर पुलिस थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। सोमवार को एसपी को परिवाद सौंपकर कार्यवाही की मांग की। परिवार में हरिपुरा निवासी कौशलकुमार मीणा ने बताया कि 20 जून को शाम 4 बजे उसके मोबाइल नम्बर पर 9928599306 पर अनजान नम्बर 8235879169 से कॉल आया। जो ट्रू-कॉलर पर अभिषेक बैरागी, एयू बैंक क्रेडिटकार्ड डिपार्टमेंट प्रदर्शित हो रहा था। कॉल करने वाले ने खुद को बैंककर्मी बताते हुए कहा कि आपका अनावश्यक चार्ज कट रहा है। वह लिंक भेज रहा है, जिसे डाउनलोड करने पर अनावश्यक चार्ज कटना बंद हो जाएगा और जो अब तक कटा है, वह भी वापस आपके खाते में आ जाएगा।
पीड़ित ने बताया कि वह कम पढ़ा-लिखा होने से कुछ समझा नहीं और मोबाइल उसने अपने 15 वर्षीय पुत्र को सौंप दिया। लेकिन ठग ने उसे भी झांसे में ले लिया और जैसे ठग कहता गया, वैसे मोबाइल पर लिंक डाउनलोड कर लिया गया। इसके बाद ठग ने बैंक में किसी प्रकार की समस्या आने पर कस्टमर केयर नंबर भी लिखा दिए। दूसरे दिन 21 जून की शाम को 6 बजे बारां में चारमूर्ति चौराहा स्थित एयू बैंक की शाखा से फरियादी के पास फोन आया। बैंक कर्मी ने उससे कहा कि आपको ऐसा क्या काम पड़ गया, जो 5 लाख रूपए की एफडी तुड़वा ली। एफडी फरिवादी की पत्नी जसोदा बाई के नाम से थी। जो पिछले साल कराई थी। जिसके उन्हें 5 लाख 38 हजार रूपए मिलने थे। वहीं परिवादी के बैक खाते में भी 33 हजार 500 रूपए जमा थे। दोनों पति-पत्नी के खाते एयू बैंक में ही हैं और मोबाइल नम्बर दोनों में समान है। बैंक से सूचना मिलते ही दोनों पति-पत्नी गांव में एक पल भी नहीं रूके, तुंरत बैंक पहुंचे और जानकारी ली। जिसमें सामने आया कि ठग द्वारा बैंक खाते हैक कर 50,000-50,000 रूपए 10 बार करके और 11वीं बार में 33 हजार 500 रूपए निकाल लिए गए। जो अलग-अलग 7 बैंक खातों में ट्रांसफर करके निकाले जाना प्रदर्शित हो रहा था। परिवादी के खाते में अब 404 व पत्नी के खाते में मात्र 73 रूपए बचे हैं।
परिवादी कौशल ने बताया कि वह खेती-बाड़ी व मजदूरी करके परिवार का गुजर बसर कर रहा हूं। एफडी उसने अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई और उनके भविष्य के लिए कराई थी। उसके पांच बच्चे हैं। इतनी बड़ी ठगी का शिकार होने से वह और उसका पूरा परिवार सदमें में है।

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