बाराबंकी क्षेत्र में कोरोना के बाद इन्फ्लुएंजा तेजी से फैल रहा है. प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा जारी है। जलवायु परिवर्तन के कारण इन्फ्लूएंजा (H3N2) से संक्रमित रोगियों की संख्या में वृद्धि होने लगी। वर्तमान में, अस्पताल के कई मरीज इस बीमारी, सर्दी, फ्लू, बुखार और खांसी से पीड़ित हैं।
बाराबंकी के सीएमओ डॉ. आदेश कुमार का कहना है कि वायरस आकार बदलता रहता है, हर बार जब भी घर से बाहर जाएं तो मास्क का इस्तेमाल करें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें, सीएससी के डॉक्टरों के एक समूह का कहना है कि पहले सर्दी, बुखार और खांसी के औसतन 50 से 60 मरीज रोज आते थे, अब इनकी संख्या बढ़ गई है। आज मरीजों की संख्या 300 के पार पहुंच गई है।
बाराबंकी के विपणन निदेशक डॉ. आदेश कुमार ने कहा कि इससे बचाव का सबसे आसान तरीका सतर्कता ही है. अगर यह बीमारी लोगों की जान लेती है तो उनसे बचें और घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें। यदि आप भीड़भाड़ वाली जगह पर जा रहे हैं, तो सार्वजनिक विकर्षणों का पालन करें। यदि कोई व्यक्ति किसी के सामने छींकता या खांसता है, तो सामने वाला व्यक्ति भी संक्रमण की चपेट में आ सकता है।
स्थानीय अस्पतालों से लेकर सीएससी तक इस बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वहीं एसीएमओ के डॉ. राजू सिंह का कहना है कि बदलते मौसम में सर्दी, बुखार और खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन अब लोगों में फ्लू तेजी से फैल रहा है. इसके बचाव के लिए मांस पहने यदि कोई रोग से ग्रसित है तो उसे दूरी बनाकर रखें और अगर भीड़-भाड़ वाली जगह पर जा रहे हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करें.
इसका सबसे ज्यादा असर स्थानीय अस्पतालों में देखने को मिल रहा है। स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में सीएससी में स्थानीय अस्पतालों के मरीज आते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वायरस हमेशा बदलते रहते हैं। सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीजों में एच3एन2 फ्लू के लक्षण देखे गए हैं। इसको लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। सीएमओ का कहना है कि इस बीमारी से लड़ने के लिए अस्पताल में पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं, किसी को घबराना नहीं चाहिए. केवल भीड़भाड़ से बचें और ऐसे मरीज मास्क जरुर पहने जिससे इस पर अंकुश सके.