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डीएपी के विकल्प के रूप में एसएसपी के प्रयोग को प्रोत्साहित करें अच्छी क्वालिटी की देशी किस्मों पर हो अनुसंधान-संभागीय आयुक्त

कोटा, 23 अक्टूबर। संभागीय आयुक्त डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने बुधवार को सीएडी सभागार में आयोजित कृषि आदान समीक्षा बैठक में रबी 2024-25 में उर्वरकों की मांग एवं उपलब्धता की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उपलब्ध उर्वरकों का इस तरह से वितरण हो कि किसानों को सही समय पर उर्वरक उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि जहां डीएपी की कमी है वहां किसानों को डीएपी के स्थान पर एसएसपी एवं यूरिया का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने उर्वरकों को काला बाजारी रोकने एवं सीमावर्ती राज्यों के किसानों को उर्वरक बेचने पर सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए। साथ ही, किसानों को उर्वरक के साथ जबरन अटैचमेंट देने की शिकायतों को देखते हुए उर्वरक दुकानों का निरीक्षण करने एवं ऐसे डीलर्स के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि कृषि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि रासायनिक खाद-बीज कृषि आदान विक्रेता किसानों को नकली कीटनाशक नहीं बेचें। जिन डीलर्स के यहां नकली कीटनाशक शिकायत मिले वहां जांच की जाए एवं कीटनाशकों की रेंडम सैम्पलिंग की जाए। डॉ. गोस्वामी ने कहा कि फसलों में सर्वाधिक प्रचलित बीमारियों के बारे में किसानों को जागरूक किया जाए। किसानों को जागरूक करने एवं उन्नत किस्म के बीज, फसल में लगने वाली बीमारियों आदि के बारे में समय पर सूचनाएं पहुंचाने के लिए हाड़ौती कृषि बुलेटिन वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से किसानों तक पहुंचाने के निर्देश दिए।
संभागीय आयुक्त डॉ. गोस्वामी ने कृषि अनुसंधान केंद्रों को फसलों की अच्छी क्वालिटी की देशी किस्मों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देशी चना जिसमें प्रोटीन अधिक मात्रा में हो एवं अच्छी सुगंध वाले देशी धनिया के बीज को चिन्हित कर किसानों तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि हाड़ौती के किसान काफी मेहनती हैं। कृषि विभाग उन्हें प्रोत्साहित कर फसल उत्पादन में हाड़ौती संभाग को अग्रणी बनाने की दिशा में कार्य करे। उन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने तथा किसानों को कम्पोस्ट तैयार करने की ट्रैनिंग देने के लिए कृषि महाविद्यालय के छात्रों को साथ जोड़ने का सुझाव दिया।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि रबी 2024-25 के लिए कोटा संभाग में 3 लाख 52 हजार मीट्रिक टन यूरिया, 1 लाख 15 हजार मीट्रिक टन डीएपी, 1 लाख 22 हजार मीट्रिक टन एसएसपी एवं 45 हजार 500 मीट्रिक टन एनपीके प्रतिमाह की मांग कृषि आयुक्तालय को भेजी गई थी। कृषि आयुक्तालय द्वारा कोटा संभाग को 3 लाख 9 हजार 751 मीट्रिक टन यूरिया, 54 हजार 325 मीट्रिक टन डीएपी, 1 लाख 5 हजार 200 मीट्रिक टन एसएसपी एवं 14 हजार 800 मीट्रिक टन एनपीके का आवंटन किया गया है। 22 अक्टूबर तक 68 हजार 746 मीट्रिक टन यूरिया, 5 हजार 10 मीट्रिक टन डीएपी, 63 हजार 99 मीट्रिक टन एसएसपी एवं 7 हजार 225 मीट्रिक टन एनपीके की उपलब्धता थी।
इसके अलावा कोटा संभाग में विभिन्न राजकीय संस्थाओं एवं निजी संस्थाओं के पास 2 लाख 53 हजार 877 क्वि. गेहूं, 32 हजार 577 क्वि. चना, 22 हजार 470 क्वि. सरसों एवं 2 हजार 326 क्वि. मसूर का बीज उपलब्ध है।
बैठक में सिंचित क्षेत्र विकास विभाग, कृषि अनुसंधान इकाई द्वारा कृषि अनुसंधान केंद्र नांता एवं कृषि अनुसंधान केंद्र दीगोद में किए जा रहे अनुसंधानों एवं परीक्षणों तथा रबी सीजन के लिए प्रस्तावित कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी गई। बैठक में अतिरिक्त क्षेत्रीय विकास आयुक्त सीएडी ममता तिवाड़ी, अतिरिक्त निदेशक कृषि विस्तार कोटा सहित संभाग के कृषि अधिकारी उपस्थित थे।

ब्यूरो चीफ़ शिवकुमार शर्मा
कोटा राजस्थान

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