राजस्थान में अब ब्राह्मण समाज एक साथ आयेगा, जहां 19 मार्च को शहर के विद्याधर नगर स्टेडियम में विप्र सेना के नाम से ब्राह्मण महापंचायत बुलायी गयी थी. महापंचायत को लेकर प्रदेश भर में महीनों से तैयारी चल रही है. वह घर-घर जाकर लोगों को महापंचायत में आने का निमंत्रण दे रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों को पीले चावल बांटकर महापंचायत का आमंत्रण भी दिया जा रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 40 से अधिक ब्राह्मण संगठन साथ आएंगे. बताया जा रहा है कि महापंचायत में ब्राह्मण समुदाय के करीब दो लाख लोग हिस्सा लेंगे, जिसके लिए करीब 5 हजार जवानों को तैनात किया गया है. राजस्थान में चुनावी साल होने के कारण हाल ही में जाट महाकुंभ का आयोजन किया गया और अब ब्राह्मण समाज अपना दम दिखाएगा. हालांकि, आयोजक इसे चुनावी वर्ष से नहीं जोड़ना चाहते हैं।
बता दें कि राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनाव से कुछ महीने पहले राजनीतिक दलों की गतिविधियों के अलावा जनता और जातियां भी ‘एकता’ के जरिए अपनी ताकत दिखा रही हैं. ऐसे में जाट महाकुंभ के बाद अब ब्राह्मण समाज अपनी एकजुट ताकत दिखाएगा.
दरअसल 19 मार्च को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में होने वाली ब्राह्मण महापंचायत को लेकर ब्राह्मण समुदाय की मांग थी कि स्वर्ण जातियों को आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए, जबकि अधिकतम आरक्षण अन्य समुदायों के लिए आरक्षित रखा गया है. अब इस महापंचायत के जरिए ब्राह्मण समुदाय राजनेताओं से पूर्ण प्रतिनिधित्व की मांग करेगा और सुवर्ण जाति के लिए अलग प्रकोष्ठ बनाने की मांग करेगा.
गौरतलब हो कि राज्य में ब्राह्मण समुदाय की आबादी 85 लाख से ज्यादा है और विधानसभा की ज्यादातर सीटें, जीत या हार स्वर्ण वोट बैंक से तय होती है. हालांकि, ब्राह्मण समुदाय के लोगों का दावा है कि उन्हें राजनीतिक क्षेत्र से बाहर कर दिया गया है और नियमित चुनावों में राजनीतिक नामांकन के लिए टिकट आवंटन से इनकार कर दिया गया है।
महापंचायत को लेकर विप्र सेना के नेता सुनील तिवारी ने कहा कि प्रमुख लोगों और जनता ने महापंचायत को सफल बनाने का वादा किया है और लोगों के परिवहन के लिए राज्य भर में 4 हजार छोटे और बड़े वाहन लगाए गए हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में हरियाणा, गुजरात और झारखंड के लोग भी राजस्थान के बाहर से ब्राह्मण महापंचायत में शामिल होंगे। साथ ही कार्यक्रम में समाज के सदस्यों की ओर से आवास एवं भोजन की व्यवस्था भी की गई।
आपको बता दें कि राज्य विधानसभा की करीब 30 सीटों पर ब्राह्मण वोटर चुनावी खेल बिगाड़ने का दम रखते हैं, जहां अब कुल 200 प्रतिनिधियों में से 18 प्रतिनिधि ब्राह्मण समुदाय से हैं, जिन पर बीजेपी में दोनों की जिम्मेदारी है. बीते दिनों राम मंदिर के मुद्दे पर ब्राह्मण समुदाय ने बीजेपी का दामन थाम लिया था.