बॉलीवुड का मशहूर डायलॉग “मर्द को दर्द नहीं होता” कई बार सही लग सकता है, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञ इससे पूरी तरह सहमत नहीं हैं। सेहत के नजरिए से, मानसिक और शारीरिक बीमारियां दोनों ही महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर रही हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर
मुरादाबाद न्यूरो साइंसेज एसोसिएशन के पूर्व चेयरमैन डॉ. दिशांतर गोयल का कहना है कि मानसिक बीमारियों से प्रभावित मरीजों में 60% महिलाएं और 40% पुरुष हैं। महिलाओं में मानसिक अवसाद और साइकोसिस जैसी बीमारियां अधिक पाई जा रही हैं। घरेलू कामों का दबाव, पारिवारिक तनाव, और सामाजिक अपेक्षाएं महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को अधिक प्रभावित कर रही हैं। इसके अलावा, हिस्टीरिया जैसी समस्याएं भी महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा देखी गई हैं।
पुरुषों के लिए खतरनाक दिल की बीमारी
पुरुषों में बीपी, शुगर, और हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉक्टर नीरज गुप्ता के अनुसार, जीवनशैली से जुड़ी गड़बड़ियां जैसे शराब और धूम्रपान के कारण पुरुषों के एड्रिनलिन हार्मोन का स्तर बढ़ रहा है। इससे युवाओं में जानलेवा हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं।
फिजीशियन डॉ. आर.सी. अग्रवाल के अनुसार, खानपान में अनियमितता और शराब सेवन जैसी आदतें पुरुषों को अधिक नुकसान पहुंचा रही हैं। महिलाओं की तुलना में युवावस्था में हार्ट अटैक के मामले पुरुषों में कई गुना ज्यादा पाए गए हैं।
बचाव के लिए सुझाव
विशेषज्ञों का मानना है कि पुरुषों को अपनी जीवनशैली सुधारने, धूम्रपान और शराब के सेवन से बचने और नियमित स्वास्थ्य जांच कराने की सख्त जरूरत है। महिलाओं के लिए मानसिक तनाव कम करने और सामाजिक समर्थन प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता है। संतुलित जीवनशैली और सतर्कता ही स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती है।