राजस्थान में गहलोत सरकार के मेडिकल बिल के अधिकार को लेकर निजी और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के बीच गतिरोध बना हुआ है, जहां सोमवार को शहर के जेएमए में बैठक कर निजी चिकित्सकों ने रैली निकालते हुए जॉइंट एक्शन कमेटी के नेतृत्व में विधानसभा की ओर कूच किया. सहयोग समिति के नेतृत्व डॉक्टरों की आवाजाही के चलते जेएलएन मार्ग और टोंक की सड़कों पर मीलों लंबा जाम लग गया.
उधर, विधानसभा की सुरक्षा के लिए जा रहे डॉक्टरों को पुलिस ने बैरियर व सुरक्षा घेरा बनाकर रोक लिया, जिसके बाद स्टैच्यू सर्किल पर डॉक्टरों व पुलिस के बीच झड़प हो गई. पुलिस लाठीचार्ज में कई डॉक्टरों के घायल होने की बात कही जा रही है. इस बीच डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बताया जा रहा है कि सोमवार को पूरे राजस्थान से चिकित्सक अधिवेशन मुख्यालय पहुंचे हैं. इधर, राजस्थान सरकार मंगलवार को विधानसभा में स्वास्थ्य विधेयक पेश करेगी, जिसे कल सदन से पारित होने की बात कही जा रही है.
हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि सरकार ने उनसे वादा किया था और हमने जो बदलाव किए हैं, वे कानून में नहीं हैं, जिसका हम विरोध करते हैं. इससे पहले निजी अस्पतालों के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने 20-21 मार्च को काम बंद रखने की घोषणा की थी, जिसके बाद सोमवार को अचानक ओपीडी, आईपीडी विभाग बंद कर दिया गया.
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि सरकार ने कई बार उनसे स्वास्थ्य के अधिकार कानून पर चर्चा की है लेकिन हर बार वादे की वजह से अब राजस्थान के डॉक्टरों को परेशानी हो रही है. उधर, सोमवार को डॉक्टरों के सब्र का बांध टूट गया, जिसके बाद राज्य भर के डॉक्टर स्वास्थ्य के अधिकार के विरोध में जयपुर में एकत्र हुए और रैली की. हालांकि शिकायत करने वाले डॉक्टरों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन डॉक्टर नहीं माने।