नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा की जाएगी. इस दिन माता कुष्मांडा की सच्चे मन से पूजा करनी चाहिए। फिर मन को अनाहत चक्र में स्थापित करने के लिए माता का आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए। मान्यता है कि मां कुष्मांडा की पूजा करने से व्यक्ति रोग और अपंगता से मुक्त हो जाता है। ऐसे में जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से कि नवरात्रि के चौथे दिन उपाय करने से आप अपनी मनोकामना पूरी कर सकते हैं।
मां कूष्मांडा के उपाय
1. नवरात्रि में पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी लाकर अपने घर में रखें। मिट्टी पर दूध, दही, घी, अक्षत, रोली दें और सामने दीपक जलाएं। अगले दिन मिट्टी को वापस पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। ऐसा करने से किसी भी कार्य में आने वाली बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। भूमि पूजन के बाद निवारण मंत्र के श्लोक का 108 बार जाप करें।
2. अगर आपको संतान प्राप्ति नहीं हो पा रही है तो आज के दिन अनार के दानों को लौंग और कपूर के साथ मिलाकर मां दुर्गा को अर्पित करने से आपको संतान सुख की प्राप्ति होगी। दान करने से पूर्व वस्तु पर माला से विघ्न निवारण के पांच मंत्रों का जाप करें।
3. अगर आपका कारोबार ठीक नहीं चल रहा है तो आज आप अमलतास के फूलों को लौंग और कपूर के साथ मिला लें, अमलतास न हो तो कोई भी पीला फूल मिला लें। फिर माँ दुर्गा को आहुति दें। आहुति से पहले सामग्री पर बाधा निवारण मंत्र की एक माला जप करें।
4. यदि आपके परिवार में किसी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है तो 152 लौंग और 42 कपूर के टुकड़े लेकर उसमें नारियल की गिरी, शहद और मिश्री मिलाकर हवन करें। बता दें कि- आहुति से पहले सामग्री पर बाधा निवारण मंत्र की पांच माला जप करें।
5. अगर आपके परिवार के किसी सदस्य के विवाह में बाधा आ रही है तो उसे दूर करने के लिए आज, 36 लौंग और 6 कपूर के टुकड़े लेकर उसमें हल्दी और चावल मिलाकर मां दुर्गा को अर्पित करें। प्रसाद चढ़ाने से पहले लौंग और कपूर के ऊपर ग्यारह निवारण मंत्र का जाप करें।