राजस्थान के भरतपुर जिले में कई दिनों से मौसम खराब बना हुआ है. रुक-रुक कर बरसात और ओले पड़ रहे है। बीती रात क्षेत्र के कई स्थानों पर भारी बारिश हुई, जिससे किसानों की सरसों और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा। भारी बारिश के कारण खेतों में पड़ी फसलें खुद ही खेतों में गिर गईं, जिससे किसानों के अरमान पानी-पानी हो गए। जिले में कई दिन से रुक-रुक कर हो रही बरसात और ओलावृष्टि से सरकार द्वारा नुकसान का सर्वे कराकर जल्दी ही किसानों को मुआवजा दिलाने की सरकार के मंत्री और जिला प्रशासन किसानों को आश्वाशन भी दिए रहे है.
गौरतलब है कि यह मौसम फसल कटाई का समय होता है। लेकिन बेमौसम बारिश और लगातार हो रहे मानसून के कारण खेतों में लगी फसल को काफी नुकसान हुआ है। भरतपुर जिले के भुसावर, नदबई, बयाना, कुम्हेर तहसील में भारी बारिश से फसल को नुकसान हुआ है. किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. हल्की बरसात का दौर कई दिनों से चल रहा है मगर देर रात कड़कड़ाती आकाशीय बिजली के साथ भारी ओलावृष्टि हुई है.
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से सरसों और गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। इससे किसान चिंतित है क्योंकि भरतपुर क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है। इस जगह जहां कोई औद्योगिक काम नहीं है, यहां के लोगों के पास कृषि के अलावा कोई काम नहीं है और कृषि ही जीवन यापन का एकमात्र जरिया है।
विगत कई दिनों से जिले में हो रही बरसात और ओलावृष्टि से फसल कई जगह तबाह हुई थी। फसलों की निगरानी के लिए जिला कलेक्टर व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने खेतों का दौरा कर किसानों के नुकसान का आकलन किया. किसानों को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। राजस्थान सरकार के मंत्री विश्वेंद्र और राज्य के मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने अपने जिलों का दौरा किया और प्रशासन से किसानों को उनकी फसलों के नुकसान की भरपाई करने का आह्वान किया।