– भारत में डिजिटल पेमेंट के बड़े प्लेटफॉर्म्स में से एक Google Pay ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड से किए जाने वाले बिल पेमेंट पर कंवीनियंस फीस लागू कर दी है। यह बदलाव लाखों यूजर्स की जेब पर अतिरिक्त भार डालेगा, जो अब तक बिजली और गैस जैसे जरूरी सेवाओं के बिल बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भरते थे।
0.5% से 1% तक लगेगा चार्ज
Google Pay की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यह शुल्क ट्रांजैक्शन वैल्यू के आधार पर 0.5% से 1% तक हो सकता है। इसके अलावा, इस पर GST भी लागू होगा। हालांकि, UPI लिंक्ड बैंक अकाउंट से किए गए भुगतान पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।
डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री में बढ़ती फीस का ट्रेंड
Google Pay ही नहीं, बल्कि अन्य डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स भी इसी दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
- PhonePe भी क्रेडिट और डेबिट कार्ड से किए गए बिल पेमेंट पर शुल्क वसूलता है।
- Paytm ने UPI रिचार्ज और बिल भुगतान पर 1 रुपये से 40 रुपये तक की फीस लागू की है।
UPI ट्रांजैक्शंस और डिजिटल पेमेंट का बढ़ता खर्च
रिपोर्ट के अनुसार, FY24 में UPI ट्रांजैक्शंस की प्रोसेसिंग लागत करीब 12,000 करोड़ रुपये रही, जिसमें से 4,000 करोड़ रुपये सिर्फ 2,000 रुपये से कम वैल्यू वाले ट्रांजैक्शंस पर खर्च हुए। सरकार ने 2020 में 2,000 रुपये से कम के UPI पेमेंट पर MDR (Merchant Discount Rate) खत्म कर दिया था, जिससे छोटे ट्रांजैक्शंस को बढ़ावा मिल सके। हालांकि, 2,000 रुपये से अधिक के ट्रांजैक्शंस पर 1.1% तक का शुल्क लागू किया जा सकता है।
Google Pay के लिए क्या मायने रखता है यह बदलाव?
The Economic Times के मुताबिक, जनवरी 2025 में Google Pay ने 8.26 ट्रिलियन रुपये के UPI ट्रांजैक्शंस प्रोसेस किए, जिससे यह PhonePe के बाद दूसरा सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म बना हुआ है। इससे पहले, Google Pay ने मोबाइल रिचार्ज पर 3 रुपये का कंवीनियंस चार्ज लगाया था।
आगे क्या?
फिनटेक इंडस्ट्री में बढ़ती UPI ट्रांजैक्शंस को मॉनेटाइज करने की प्रवृत्ति को देखते हुए, आने वाले समय में अन्य प्लेटफॉर्म्स भी इस तरह की फीस लागू कर सकते हैं। फिलहाल, Google Pay यूजर्स को क्रेडिट और डेबिट कार्ड से बिल पेमेंट करते समय इस नए चार्ज का ध्यान रखना होगा।
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