राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जेल से धमकी, पुलिस ने कैदी से जब्त किया मोबाइल फोन

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दौसा स्थित श्यालावास सेंट्रल जेल से जान से मारने की धमकी मिली है। यह घटना शुक्रवार रात करीब 12:45 बजे की है, जब मुख्यमंत्री को पहली बार धमकी भरा फोन आया। इसके बाद करीब 12:50 बजे उन्हें दूसरा कॉल आया, जिसमें फिर से जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी और फोन नंबर 7424875203 से कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान की।

जेल से आया था धमकी भरा फोन
डीएसपी चारुल गुप्ता के अनुसार, फोन लोकेशन ट्रैक करने पर पता चला कि कॉल दौसा की श्यालावास सेंट्रल जेल से की गई थी। इसके बाद पुलिस ने जेल पर छापेमारी की और आरोपी कैदी के पास से एक मोबाइल फोन जब्त किया। आरोपी मूल रूप से अलवर जिले का निवासी है और उस पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि जेल में बंद कैदी के पास मोबाइल फोन कैसे पहुंचा।

आरोपी कैदी की पहचान
आरोपी कैदी का नाम रिंकू राडवा बताया जा रहा है, जो 2022 से दौसा सेंट्रल जेल में बंद है। बताया जा रहा है कि यह पहली बार नहीं है जब इस जेल से मुख्यमंत्री को धमकी भरे फोन आए हैं। पहले भी इसी जेल से मोबाइल फोन के जरिए धमकी दी गई थी। इस घटना के बाद जेल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं।

जेल में गैंगवार और खतरनाक कैदी
दौसा सेंट्रल जेल में कई खतरनाक कैदी बंद हैं, जिनमें गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का भाई रूपिंदरपाल सिंह और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्यारे शामिल हैं। इस जेल में कैदियों के बीच कई बार गैंगवार भी हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, चार थानों के 100 पुलिसकर्मियों ने जेल में तलाशी अभियान चलाया और आरोपियों को गिरफ्तार किया।

पुलिस की कार्रवाई
धमकी भरे फोन मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। जेल में छापेमारी के दौरान आरोपी कैदी से मोबाइल फोन जब्त किया गया और उसकी पूछताछ की जा रही है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि जेल में बंद कैदियों तक मोबाइल फोन कैसे पहुंच रहे हैं और क्या जेल प्रशासन में कोई मिलीभगत है।

मुख्यमंत्री की सुरक्षा बढ़ाई गई
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जेल प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, जेल में मोबाइल फोन और अन्य अवैध सामग्री की तस्करी रोकने के लिए कड़े नियम लागू करने की बात कही गई है।

निष्कर्ष
यह घटना राजस्थान की कानून-व्यवस्था और जेल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। पुलिस और जेल प्रशासन को इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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