दिल्ली विधानसभा में पेश होगी 14 CAG रिपोर्ट, भाजपा ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कार्यकाल की 14 नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) रिपोर्ट पेश की जाएगी। इनमें से एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री आवास के जीर्णोद्धार को लेकर है, जिसे लेकर भाजपा ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। भाजपा नेताओं ने इसे ‘शीशमहल’ करार देते हुए विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था। सतर्कता आयोग के निर्देश पर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) इस मामले की जांच कर रहा है।

भ्रष्टाचार के आरोपों पर भाजपा का हमला

दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAG रिपोर्ट को लेकर कहा, “आज विधानसभा में अरविंद केजरीवाल सरकार के घोटालों को उजागर करने वाली रिपोर्ट पेश की जाएगी। पिछले तीन साल से अरविंद केजरीवाल इस रिपोर्ट को छिपाकर रख रहे थे। एक-एक करके 14 रिपोर्ट सदन में रखी जाएंगी, जिससे उनकी लूट, घोटाले और भ्रष्टाचार उजागर होंगे।”

भाजपा नेता रविंदर इंद्राज सिंह ने भी AAP सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “AAP-दा सरकार का नतीजा विनाशकारी रहा है। उनके सभी मंत्री जेल गए। अब सभी मंत्रालयों की CAG रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी, जो सब कुछ उजागर कर देगी।”

AAP ने किया पलटवार

AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने भाजपा के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने CAG रिपोर्ट स्पीकर को भेजी थी, और इसे पेश करना एक सामान्य प्रक्रिया है। उन्होंने द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण लागत की भी जांच की मांग की।

मुख्यमंत्री आवास जीर्णोद्धार पर विवाद

CAG रिपोर्ट में मुख्यमंत्री आवास के जीर्णोद्धार से जुड़े 139 सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में इसके लिए 7.61 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे, जो 2022 तक बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गए। भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि इस परियोजना की कुल लागत 80 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।

भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री को उनकी हैसियत से बड़ा बंगला आवंटित किया गया और निर्माण कार्यों को छोटे भागों में विभाजित कर अनुमति से बचने का प्रयास किया गया। पार्टी ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि शीशमहल में 80 करोड़ के पर्दे, 64 लाख के टीवी, 10 लाख का सोफा, 22.5 लाख के गीजर, और 12 लाख रुपये की सोने की परत वाली टॉयलेट सीटें लगाई गईं।

अन्य घोटालों पर भी उठे सवाल

CAG रिपोर्ट में मुख्यमंत्री आवास के अलावा कई अन्य मामलों पर भी सवाल उठाए गए हैं, जिनमें वायु प्रदूषण, शराब नीति, स्वास्थ्य, डीटीसी, और मोहल्ला क्लीनिक शामिल हैं। भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए इन मुद्दों को लगातार उठाया था।

शीशमहल का मामला मई 2023 में सामने आया था, जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसकी जांच सीबीआई को सौंपी थी। सितंबर 2023 में सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था। रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना महामारी के दौरान मुख्यमंत्री आवास पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

CAG रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है। भाजपा और AAP के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस जारी रहने की संभावना है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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