समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी विधानसभा से निलंबित, औरंगजेब की तारीफ पर विवाद गरमाया

महाराष्ट्र की राजनीति में बुधवार को बड़ा उलटफेर हुआ जब समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक अबू आजमी को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। औरंगजेब को निर्दयी शासक न बताने संबंधी उनके बयान पर बीजेपी और शिवसेना ने कड़ा विरोध जताया था। उनके खिलाफ दो एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।

निलंबन की अवधि और प्रभाव

अबू आजमी का निलंबन महाराष्ट्र विधानसभा के पूरे सत्र के लिए किया गया है। विधानसभा का बजट सत्र 3 मार्च से शुरू होकर 26 मार्च तक चलेगा। इस अवधि के दौरान अबू आजमी सदन की कार्यवाही में भाग नहीं ले पाएंगे और उन्हें विधानसभा परिसर में प्रवेश करने की अनुमति भी नहीं होगी।

विवादित बयान और प्रतिक्रिया

मुंबई की मानखुर्द शिवाजीनगर सीट से चौथी बार विधायक चुने गए अबू आजमी ने कहा था कि औरंगजेब निर्दयी शासक नहीं था। उनके इस बयान पर राजनीतिक हलकों में भूचाल आ गया। विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने सफाई देते हुए इतिहासकारों का हवाला दिया और अपने बयान पर खेद जताया। हालांकि, बीजेपी और शिवसेना ने उनके इस बयान को लेकर आक्रामक रुख अपनाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

राजनीतिक विवाद और प्रतिक्रियाएं

इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कड़ी आपत्ति जताई थी, वहीं बीजेपी ने भी सड़क से लेकर सदन तक विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मंत्री नितेश राणे ने कहा कि केवल निलंबन पर्याप्त नहीं है, बल्कि कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

वहीं, कांग्रेस ने इस विवाद को बीजेपी द्वारा उठाया गया मुद्दा करार दिया। कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह विवाद जानबूझकर भड़काया गया ताकि असली मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके।

आगे क्या होगा?

अबू आजमी के निलंबन के बाद भी यह विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है। राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले पर और ज्यादा राजनीति गरमा सकती है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अबू आजमी इस निलंबन के खिलाफ कोई कदम उठाते हैं या नहीं।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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