बिहार में होली समारोह के दौरान हुई हिंसक घटनाओं को लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। बिहार विधानमंडल के बजट सत्र में विपक्ष ने कानून व्यवस्था को लेकर जोरदार हंगामा किया। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दो दिनों में 22 हत्याएं हुई हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह मंगलराज है, जंगलराज में यह नहीं होता था। दारोगा की हत्या नहीं होती थी। राबड़ी देवी के इस बयान के बाद बीजेपी और एलजेपी ने पलटवार किया है।
‘लालू-राबड़ी के काले दौर को लोग नहीं भूलेंगे’ – बीजेपी
बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा, “यह जानना जरूरी है कि ये हत्याएं करने वाले कौन लोग हैं? क्या इनका किसी राजनीतिक दल से संबंध है? नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार अपराध पर नियंत्रण में है। लालू यादव और राबड़ी देवी के नेतृत्व में जो काला दौर था, उसे लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
‘नाम के लिए सीएम थीं राबड़ी’ – एलजेपी
एलजेपी (रामविलास) सांसद शांभवी चौधरी ने कहा, “राबड़ी देवी नाम मात्र की सीएम थीं। उन्हें अपने कार्यकाल के बारे में कुछ नहीं पता। होली पर हुई आपराधिक घटनाओं की जांच की जा रही है, दोषियों को सजा मिलेगी। उनके शासन में अपराधी सरकार चलाते थे और सजा से बच जाते थे।”
पुलिस पर हमलों में दो अधिकारियों की मौत
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पंकज कुमार दाराद ने कहा, “होली के दौरान पुलिस पर हमले की 10 घटनाएं हुईं। अररिया और मुंगेर में बड़ी घटनाएं हुईं, जिनमें दो अधिकारियों की मौत हुई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और जांच जारी है।”
राबड़ी देवी का सवाल: ‘सुशासन कहां है?’
राबड़ी देवी ने कहा, “दो दिनों में 22 हत्याएं हुई हैं। जब दारोगा और सिपाही मारे जा रहे हैं, तो आम जनता का क्या हाल होगा? सरकार सुशासन की बात करती है, लेकिन ये घटनाएं सुशासन पर सवाल खड़े करती हैं।”
बिहार की राजनीति में यह मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है और विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
