Nagpur Violence: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नागपुर में हुई हिंसा को लेकर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में राज्य और केंद्र की सत्ताधारी पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार है, तो औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर क्यों नहीं चल रहा?
नागपुर हिंसा को लेकर उद्धव ठाकरे का बीजेपी पर हमला
नागपुर में हाल ही में भड़की हिंसा को लेकर पूछे गए सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, न ही गृहमंत्री हूं। मुख्यमंत्री से पूछिए कि इसके पीछे कौन है? नागपुर में आरएसएस का मुख्यालय है और यहां डबल इंजन सरकार है। अगर यह सरकार विफल हो रही है, तो इन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।”
बीजेपी पर तंज कसते हुए ठाकरे ने आगे कहा, “आप औरंगजेब की कब्र हटाना चाहते हैं, तो हटा सकते हैं। लेकिन उस दौरान चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को भी बुला लीजिए।”
महाराष्ट्र सरकार का जवाब: विपक्षी गठबंधन पर आरोप
महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय शिरसाट ने नागपुर हिंसा के लिए विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “नागपुर में हुई हिंसा के पीछे एमवीए का हाथ है। मुस्लिम समुदाय के लोग भी नहीं चाहते कि वहां औरंगजेब की कब्र बनी रहे। लेकिन विपक्ष इसे मुसलमानों के साथ खड़े होने का दिखावा करने के लिए मुद्दा बना रहा है।”
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी विधानसभा में कहा कि नागपुर में हुई हिंसा पूर्व-नियोजित थी। उन्होंने कहा, “हिंसा में चुनिंदा घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया। पुलिस पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
संजय राउत का बड़ा बयान
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने नागपुर हिंसा को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “नागपुर में दंगा करने की हिम्मत कौन कर सकता है? वहां आरएसएस का मुख्यालय है, जहां मोहन भागवत बैठते हैं, सीएम फडणवीस का निर्वाचन क्षेत्र भी वहीं है। अगर वहां दंगे हो रहे हैं, तो यह उन्हीं के लोग करवा रहे हैं। यह एक साजिश है—हिंदुओं को डराने और भड़काने की नई रणनीति।”
राउत ने आगे कहा, “अगर सरकार औरंगजेब की कब्र हटवाना चाहती है, तो पीएम मोदी से आदेश जारी करवा सकती है। फिर ये दंगे क्यों करवाए जा रहे हैं?”
विधान परिषद में नोकझोंक
नागपुर हिंसा और औरंगजेब की कब्र को लेकर राज्य विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “औरंगजेब हमारे इतिहास पर एक धब्बा है। हमें उसके महिमामंडन की जरूरत नहीं है।”
इससे पहले, हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था, जिससे विवाद और बढ़ गया।
नागपुर हिंसा: क्या हुआ था?
नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में सोमवार रात 8 बजे हिंसा भड़क उठी, जब यह अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र हटाने के विरोध में मुस्लिम समुदाय के धर्मग्रंथ को जलाया गया। इसके बाद भीड़ ने पथराव किया, जिसमें 33 पुलिसकर्मी घायल हुए और एक डीसीपी पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। फिलहाल हालात काबू में हैं, लेकिन पुलिस लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
