टोंक। विशिष्ट न्यायालय (पोक्सो) टोंक के न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने विवाहिता से सामूहिक बलात्कार के मामले में तीन अभियुक्तों को 20 साल की कठोर सजा सुनाई है। इसके साथ ही, प्रत्येक अभियुक्त पर डेढ़ लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।
अपराध का विवरण: विशिष्ठ लोक अभियोजक राकेशकुमार शर्मा ने बताया कि यह अपराध छत्रपुरा थाना, इन्द्रगढ़ जिला बूंदी में हुआ था। अभियुक्तों के नाम नरेन्द्र सैनी, राजेश गोचर और विकास उर्फ पप्पू सैनी हैं।
घटना का सिलसिला: पीड़िता के ससुर ने 24 फरवरी 2022 को अलीगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, जिसमें बताया गया था कि 23 फरवरी की रात को उसका बेटा और बहू अपने कमरे में सो रहे थे। रात 12 बजे जब वह उठा तो पाया कि कमरे का दरवाजा खुला था और उसकी पुत्रवधु गायब थी।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और विवाहिता को दस्तयाब किया। पीड़िता ने बयान दिया कि 23 फरवरी की रात 11 बजे उसे नरेन्द्र का फोन आया, जिसने उसे बहला-फुसलाकर बाइक पर बैठाकर उनियारा ले गया। वहां राजेश और विकास पहले से मौजूद थे। तीनों ने उसे कार से जयपुर और फिर झालावाड़ ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
न्यायिक प्रक्रिया: पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। अभियोजन पक्ष ने न्यायालय में 45 गवाहों और 100 से अधिक दस्तावेजों को प्रस्तुत किया। न्यायालय ने विभिन्न धाराओं में दोष सिद्ध पाते हुए तीनों आरोपियों को 20 साल की कठोर सजा सुनाई।
निष्कर्ष: इस मामले में न्यायालय ने सख्त फैसला सुनाते हुए आरोपियों को कठोर दंड दिया है, जिससे समाज में एक सख्त संदेश जाएगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
