महाराष्ट्र के नागपुर शहर में हाल ही में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। एफआईआर की कॉपी से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनमें 51 आरोपियों के नाम शामिल हैं। पुलिस ने अब तक 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है और जांच जारी है।
पुलिस के अनुसार, हिंसा के मास्टरमाइंड के रूप में फहीम खान की पहचान की गई है, जो माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) का सदस्य है। फहीम खान ने कथित तौर पर 500 लोगों की भीड़ इकट्ठा की और उन्हें उकसाया, जिससे हिंसा भड़की। पुलिस ने फहीम खान को गिरफ्तार कर लिया है और उसे 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
हिंसा के दौरान, 32 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें 3 डीसीपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं। उपद्रवियों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया, अश्लील इशारे किए और अभद्र टिप्पणियां कीं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या हिंसा के पीछे कोई सुनियोजित साजिश थी।
वर्तमान में, नागपुर के 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू जारी है, हालांकि हालात सामान्य होते दिख रहे हैं। पुलिस की निगरानी में क्षेत्रों का जायजा लिया जा रहा है, और कर्फ्यू हटाने पर जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है। इस बीच, मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने हिंसा को महायुति सरकार द्वारा प्रायोजित बताया है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नागपुर में फैली अशांति का जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को सुरक्षा दे रही है, जबकि दक्षिणपंथी संगठन उसे हटाने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की 10 टीमें उपद्रवियों की तलाश में जुटी हैं, और दोषियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रयासरत हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
