राजस्थान के झुंझुनूं जिले को दिल्ली से बड़ी सौगात मिली है। रेलवे और राज्य सरकार के समन्वय से जिले में चार नए ओवरब्रिज और अंडरब्रिज बनाए जाएंगे। इनमें पुलिस लाइन फाटक पर अधूरा पड़ा ओवरब्रिज भी शामिल है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में सांसद बृजेन्द्र ओला द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में इसकी पुष्टि की।
पुलिस लाइन फाटक पर अधूरा ओवरब्रिज फिर से होगा शुरू
पंद्रह मार्च 2019 को पुलिस लाइन फाटक पर ओवरब्रिज का शिलान्यास किया गया था, लेकिन छह साल बाद भी यह अधूरा पड़ा है। हर बार ट्रेन के गुजरने पर फाटक बंद हो जाता है, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर बनी रहती है। अब केंद्र सरकार की ओर से इसकी जल्द से जल्द पुनर्निर्माण की घोषणा की गई है।
चार नए ओवरब्रिज और अंडरब्रिज की सौगात
रेल मंत्री ने अपने जवाब में यह स्पष्ट नहीं किया कि झुंझुनूं संसदीय क्षेत्र में ये चारों ओवरब्रिज और अंडरब्रिज कहां बनाए जाएंगे। हालांकि, माना जा रहा है कि इनमें पुलिस लाइन फाटक के अधूरे ओवरब्रिज को शामिल किया गया है। अन्य स्थानों का निर्धारण संबंधित विभाग द्वारा जल्द किया जाएगा।
राजस्थान में रेलवे परियोजनाओं को मिली रफ्तार
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि राजस्थान में रेल परियोजनाओं को गति देने के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में 9,959 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह 2009-14 के औसत 682 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की तुलना में 14 गुना अधिक है।
प्रमुख बिंदु:
- 01 फरवरी 2025 तक राजस्थान में 547 ओवरब्रिज और अंडरब्रिज पर कार्य जारी।
- इन परियोजनाओं पर कुल 5,213 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित।
- राज्य में 32 रेल परियोजनाएं प्रगति पर, जिनकी कुल लागत 51,814 करोड़ रुपये है।
ओवरब्रिज निर्माण को लेकर राजस्थान पत्रिका का अभियान
राजस्थान पत्रिका ने ‘एक पुल बहुत दूर’ अभियान चलाकर अधूरे ओवरब्रिज निर्माण की मांग को बुलंद किया था। लगातार समाचार प्रकाशित कर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का ध्यान खींचा गया। अब सरकार की घोषणा से क्षेत्रवासियों को राहत मिलेगी।
कब तक पूरा होगा ओवरब्रिज का काम?
अधिकारियों के अनुसार, यदि अप्रैल 2025 में काम शुरू हो भी जाता है, तब भी इस साल इसे पूरा करना मुश्किल है। ओवरब्रिज का निर्माण कार्य तेज गति से करवाने के लिए रेलवे और राज्य सरकार की संयुक्त भागीदारी आवश्यक होगी।
झुंझुनूंवासियों को मिलेगा राहत
इन ओवरब्रिज और अंडरब्रिज के बनने से झुंझुनूं और आसपास के क्षेत्रों में यातायात की समस्याओं का समाधान होगा। वाहन चालकों और स्थानीय निवासियों को रेलवे फाटक पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी। सरकार के इस फैसले से झुंझुनूं जिले के लोगों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
