उदयपुर, 24 मार्च 2025 – उदयपुर जिले के कानोड़ स्थित राजकीय चिकित्सालय में शनिवार रात एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसमें ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने अपने ही वरिष्ठ डॉक्टर पर शराब पीने का दबाव बनाया। इनकार करने पर आरोपी डॉक्टर ने सीनियर डॉक्टर को घसीटकर उनके साथ मारपीट की और उनके कपड़े फाड़ दिए।
रातभर चला हंगामा, सुबह तक नहीं हुई कार्रवाई
इस घटना के बाद भी अस्पताल प्रशासन और पुलिस ने तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की। रविवार सुबह पीड़ित चिकित्सक डॉ. राजेश करणपुरिया ने कानोड़ थाने में आरोपी डॉक्टर सुरेंद्र बिजारणिया और उनके सहयोगी संविदाकर्मी राजेंद्र शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई। ग्रामीणों के विरोध के बाद देर शाम पुलिस ने केस दर्ज किया।
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार रात 10:30 बजे डॉ. सुरेंद्र बिजारणिया अस्पताल के क्वार्टर पहुंचे और डॉ. करणपुरिया को पार्टी में शामिल होने के लिए कहा। जब उन्होंने इनकार किया, तो आरोपी ने उन्हें जबरदस्ती अपने साथ चलने को कहा और शराब पीने के लिए दबाव डाला। जब वरिष्ठ डॉक्टर ने मना किया, तो गुस्से में आकर आरोपी ने उनके साथ बदसलूकी की।
इसके बाद, नशे में धुत डॉ. सुरेंद्र बिजारणिया और उनके सहयोगी ने डॉ. करणपुरिया को जबरन घसीटते हुए कच्चे रास्ते तक ले गए, जिससे उनके हाथ, पैर और सिर में चोटें आईं और उनके कपड़े फट गए। पीड़ित डॉक्टर ने पुलिस से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
पुराना विवाद आया सामने
चिकित्सालय में प्रशासनिक जिम्मेदारी को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा था। लंबे समय से वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजेश करणपुरिया के पास चिकित्सालय का चार्ज था, लेकिन कुछ समय पहले यह जिम्मेदारी जूनियर डॉक्टर डॉ. पवन जाट को दे दी गई। इस बदलाव के बाद से अस्पताल में गुटबाजी शुरू हो गई और डॉ. करणपुरिया को लगातार परेशान किया जाने लगा। इस घटना को भी उसी विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है।
ग्रामीणों का विरोध, पुलिस पर कार्रवाई का दबाव
रविवार दोपहर जब पुलिस ने कार्रवाई में देरी की, तो कस्बे के सैकड़ों लोग थाने पहुंचे और दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की। बढ़ते दबाव के चलते पुलिस को आखिरकार आरोपी डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज करना पड़ा। जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, तो पाया कि डॉ. बिजारणिया के क्वार्टर पर ताला लगा हुआ था।
प्रशासन ने दी सफाई
मुख्य ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. संकेत जैन ने कहा, “जो कुछ भी हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। लापरवाही बरतने वाले डॉ. सुरेंद्र बिजारणिया को एपीओ (Awaiting Posting Orders) करने की अनुशंसा भेजी गई है। साथ ही, मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
क्या होगी अगली कार्रवाई?
अब यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाते हैं। स्थानीय लोगों और चिकित्सकों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है, और वे दोषी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
