वन रक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में विशेष संचालन समूह (SOG) ने बाड़मेर से एक पुलिस कांस्टेबल और गुजरात से रेलवे के सहायक स्टेशन मास्टर को हिरासत में लिया है। एसओजी टीम ने स्थानीय पुलिस की सहायता से दोनों आरोपियों को बाड़मेर से गिरफ्तार कर जयपुर ले जाया गया है।
कांस्टेबल ने पत्नी के लिए खरीदा था पेपर
एटीएस-एसओजी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वी.के. सिंह के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बाड़मेर के बीजड़ा स्थित जादूओं का तला निवासी लिखमाराम जाट और बाड़मेर निवासी कांवरराम के रूप में हुई है। लिखमाराम की पत्नी टिमो, जो कि वन रक्षक पद पर कार्यरत है, को रविवार को एक अन्य वन रक्षक सीमा कुमारी चौधरी के साथ गिरफ्तार किया गया था।
जांच में सामने आया है कि लिखमाराम ने अपनी पत्नी के लिए परीक्षा से पहले लीक हुआ पेपर खरीदने के लिए पैसे दिए थे। यह लेन-देन गुजरात के पालनपुर रेलवे में सहायक स्टेशन मास्टर सांवरराम के माध्यम से हुआ था। सांवरराम ने इस कार्य में बिचौलिये की भूमिका निभाई और बाड़मेर के राजकीय महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेसी पार्षद नरेश देव उर्फ एनडी सारण के लिए दलाली की।
जांच और गिरफ्तारियां जारी
एसओजी टीम अभी भी उन पाँच अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है, जिन्होंने परीक्षा से पहले पेपर प्राप्त किया था और इस कांड में उनकी सहायता करने वाले अन्य लोगों को भी खोजा जा रहा है। इस मामले में पहले ही तीन पुलिस कांस्टेबल गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
इस घोटाले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, दौसा विधायक ने भजनलाल सरकार की सराहना करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं की कथनी और करनी पर सवाल उठाए हैं।
इस बीच, प्रशासन परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रहा है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।
