राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले मुफ्त गेहूं में बड़ा घोटाला सामने आया है। जनवरी, फरवरी और मार्च के लिए आवंटित 4,000 क्विंटल गेहूं जयपुर जिले के विभिन्न राशन दुकानों तक पहुंचने से पहले ही गायब हो गया। इस गड़बड़ी का सीधा असर गरीब लाभार्थियों पर पड़ा, जिन्हें इस योजना के तहत मुफ्त राशन मिलना था।
कैसे हुआ घोटाला?
सूत्रों के अनुसार, जयपुर जिले के फागी, माधोराजपुरा और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में एक करोड़ रुपए से अधिक मूल्य का गेहूं गबन कर लिया गया। इस गड़बड़ी को छिपाने के लिए जिला रसद विभाग के अधिकारियों ने कई उपाय किए, ताकि मामला ज्यादा तूल न पकड़े।
कौन जिम्मेदार?
खाद्य आपूर्ति विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि माधोराजपुरा में 999 क्विंटल, फागी शहरी क्षेत्र में 500 क्विंटल और फागी ग्रामीण क्षेत्र में 245 क्विंटल गेहूं का कोई अता-पता नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि यह गड़बड़ी केवल इन क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य इलाकों में भी इसी तरह की धांधली हो सकती है।
लाभार्थियों की परेशानी
राशन दुकानों पर गेहूं न मिलने से लाभार्थी परेशान हैं। वहीं, जिन दुकानों पर गेहूं पहुंचा भी, वहां सत्यापन प्रक्रिया में गड़बड़ियां देखी गईं। प्रशासन अब इस घोटाले को छुपाने के लिए नई चालें चल रहा है।
सरकार की प्रतिक्रिया
इस मामले पर सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन सूत्रों के अनुसार, मामले की जांच के आदेश दिए जा सकते हैं और दोषी अधिकारियों व राशन डीलरों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
अगला कदम?
अब प्रशासन उन क्षेत्रों की पॉइंट ऑफ सेल (POS) मशीनों को दूसरे क्षेत्रों में भेजकर गेहूं वितरण करवाने की योजना बना रहा है, ताकि इस गड़बड़ी को छिपाया जा सके। लेकिन यदि निष्पक्ष जांच हुई, तो यह राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े सबसे बड़े घोटालों में से एक साबित हो सकता है।
इस मामले में आगे की कार्रवाई क्या होगी, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन फिलहाल, हजारों गरीब परिवारों का राशन संकट में पड़ गया है।
