UPI ट्रांजैक्शन की सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए NPCI के नए निर्देश

नई दिल्ली, मार्च 2025: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शन की सुरक्षा और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। इन निर्देशों के तहत, बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSP) को मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) और डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) के माध्यम से अपने डेटा को साप्ताहिक रूप से अपडेट करना होगा।

पुराने मोबाइल नंबरों पर UPI सेवाएं नहीं होंगी उपलब्ध

NPCI के नए नियमों के अनुसार, यदि कोई मोबाइल नंबर 90 दिनों तक उपयोग में नहीं आता है, तो टेलीकॉम ऑपरेटर उसे पुनः आवंटित कर सकता है। ऐसे मामलों में, यदि UPI से लिंक किया गया मोबाइल नंबर निष्क्रिय हो जाता है, तो वह स्वतः डीएक्टिवेट हो जाएगा। इस बदलाव के कारण, यदि किसी ग्राहक का बैंक से लिंक मोबाइल नंबर बंद हो जाता है या बदल जाता है, तो उसकी UPI ID भी अनलिंक हो सकती है।

UPI उपयोगकर्ताओं के लिए आवश्यक कदम

  1. बैंक में अपना मोबाइल नंबर अपडेट करें ताकि आपकी UPI सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहें।
  2. यदि हाल ही में मोबाइल नंबर बदला है, तो जल्द से जल्द बैंक में नया नंबर रजिस्टर करें।
  3. बैंक-रजिस्टर्ड नंबर का नियमित रूप से उपयोग करें ताकि वह निष्क्रिय न हो और UPI सेवाएं प्रभावित न हों।

UPI में “Collect Payment” फीचर होगा सीमित

फ्रॉड को रोकने के लिए NPCI ने “Collect Payment” फीचर को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब यह सुविधा केवल बड़े और वेरिफाइड व्यापारियों तक सीमित होगी। व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए “Collect Request” की सीमा 2,000 रुपये कर दी गई है।

सुरक्षा को प्राथमिकता देने की पहल

NPCI के ये नए नियम UPI ट्रांजैक्शन को और अधिक सुरक्षित और धोखाधड़ी-मुक्त बनाने के उद्देश्य से लागू किए जा रहे हैं। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक-रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को अपडेट रखें ताकि UPI लेन-देन में किसी प्रकार की बाधा न आए। यह पहल डिजिटल पेमेंट सिस्टम को अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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