भारत सरकार ने विदेशी नागरिकों के प्रवेश, ठहराव और निर्गमन को अधिक पारदर्शी और संगठित बनाने के उद्देश्य से इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल, 2025 को लोकसभा में पारित कर दिया है। इस विधेयक का उद्देश्य अवैध आव्रजन पर रोक लगाने, सुरक्षा मजबूत करने और मौजूदा जटिल प्रक्रियाओं को सरल बनाने का है।
क्या है इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल, 2025?
इस नए कानून के तहत भारत में प्रवेश करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए वीज़ा नियमों, पंजीकरण प्रक्रियाओं और यात्रा दस्तावेजों को सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि भारत में विदेशी नागरिकों की मौजूदगी सिर्फ प्रशासनिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और आंतरिक व्यवस्था से भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने दोहराया कि सरकार हर विदेशी आगंतुक की निगरानी सुनिश्चित करेगी और अवैध रूप से प्रवेश करने वालों पर कड़ा अंकुश लगाया जाएगा।
बिल के प्रमुख प्रावधान
- विदेशी नागरिकों का पंजीकरण अनिवार्य: भारत आने वाले हर विदेशी को सरकारी डेटाबेस में पंजीकरण कराना होगा, जिससे उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके।
- संरक्षित और प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश पर नियंत्रण: कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में प्रवेश के लिए विशेष सरकारी अनुमति अनिवार्य होगी।
- अवैध प्रवास पर कड़ी कार्रवाई:
- बिना वैध वीज़ा या पासपोर्ट के पाए जाने पर – 5 साल तक की सजा या 5 लाख रुपये का जुर्माना।
- नकली दस्तावेजों के इस्तेमाल पर – 2 से 7 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक का दंड।
- वीज़ा उल्लंघन करने या निर्धारित समय से अधिक रुकने पर – 3 साल तक की सजा या 3 लाख रुपये का जुर्माना।
- शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों की जिम्मेदारी: विदेशी छात्रों और मरीजों की जानकारी संबंधित सरकारी विभाग को देनी होगी।
- परिवहन सेवाओं पर सख्ती: यदि कोई एयरलाइन या परिवहन कंपनी बिना वैध दस्तावेजों के किसी विदेशी को भारत लाती है, तो उसे 5 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा और उसका लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है।
- केंद्र सरकार को विशेष शक्तियां: सरकार विदेशी नागरिकों की गतिविधियों पर निगरानी रख सकेगी और उन्हें आवश्यकता पड़ने पर विशेष क्षेत्रों में प्रवेश से रोक सकेगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा और अवैध घुसपैठ पर जोर
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता के कारण विदेशियों का आगमन बढ़ा है, लेकिन कुछ तत्व अवैध रूप से प्रवेश कर अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का विशेष रूप से उल्लेख किया और कहा कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
अवैध प्रवासियों के लिए सख्त प्रावधान
इस नए कानून के तहत सरकार को अवैध प्रवासियों को चिन्हित करने, गिरफ्तार करने और उन्हें स्वदेश भेजने का अधिकार प्राप्त होगा। जो विदेशी नागरिक लंबे समय तक अवैध रूप से भारत में रहेंगे, उन्हें कठोर दंड का सामना करना पड़ेगा।
इस कानून के प्रभाव
- अवैध आव्रजन पर रोक: नए सख्त नियमों से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वालों को रोका जाएगा।
- राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा: सुरक्षा एजेंसियां आतंकी गतिविधियों और अन्य गैरकानूनी कार्यों पर कड़ी निगरानी रख सकेंगी।
- आप्रवासन प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण: विदेशी नागरिकों के प्रवेश, निवास और निर्गमन की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और डिजिटल बनाया जाएगा।
- संस्थानों और परिवहन कंपनियों की जवाबदेही: विश्वविद्यालयों, अस्पतालों और एयरलाइनों को विदेशी नागरिकों की कानूनी स्थिति की जांच अनिवार्य रूप से करनी होगी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस बिल को लेकर विपक्ष ने कुछ आपत्तियां जताई हैं। कुछ दलों ने तर्क दिया कि यह कानून उन लोगों के लिए समस्याएं खड़ी कर सकता है, जो कानूनी रूप से भारत में रह रहे हैं, लेकिन कुछ दस्तावेज पूरे नहीं कर पाए हैं। वहीं, कुछ विपक्षी नेताओं का कहना है कि इस कानून का दुरुपयोग कर कुछ विशेष समुदायों को निशाना बनाया जा सकता है।
निष्कर्ष
इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल, 2025 भारत में विदेशी नागरिकों की उपस्थिति को अधिक संगठित और सुरक्षित बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कानून न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि आप्रवासन प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा। हालांकि, यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि इस कानून का दुरुपयोग न हो और हर विदेशी नागरिक के साथ न्यायसंगत व्यवहार किया जाए।
