जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट में एक अहम मोड़ आया है। इस हमले में चांदपोल स्थित रामचंद्र मंदिर के पास एक जिंदा बम मिला था। इस मामले में विशेष कोर्ट द्वारा आज शनिवार को प्रस्तावित फैसला टल गया है। अब अदालत 4 अप्रैल को इस पर अंतिम निर्णय सुनाएगी।
चार आरोपी, दो जेल में, दो बेल पर
इस मामले में चार आरोपी शामिल हैं, जिनमें से दो आरोपी – सैफुर्रहमान और मोहम्मद सैफ – वर्तमान में जयपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। वहीं, अन्य दो आरोपी – मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद – फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
112 गवाहों के बयान और 1200 दस्तावेज प्रस्तुत
विशेष अभियोजक श्रवण कुमार के अनुसार, अभियोजन पक्ष ने चारों आरोपियों के खिलाफ 112 गवाहों के बयान अदालत में दर्ज कराए हैं। साथ ही, करीब 1200 दस्तावेजों को बतौर सबूत प्रस्तुत किया गया है। वहीं, बचाव पक्ष ने 122 दस्तावेजों को अदालत में प्रदर्शित करवाया, लेकिन किसी भी गवाह के बयान दर्ज नहीं कराए।
पहले दी गई थी फांसी की सजा, हाईकोर्ट ने किया बरी
जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट के अन्य आठ मामलों में करीब साढ़े पांच साल पहले इसी विशेष कोर्ट ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। इसके बाद राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, जहां यह मामला अभी लंबित है।
अगला कदम: 4 अप्रैल को आएगा फैसला
अब जयपुर की विशेष अदालत 4 अप्रैल को इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। इस फैसले का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार है क्योंकि यह मामला जयपुर की जनता के लिए बेहद संवेदनशील और ऐतिहासिक महत्व रखता है।
