‘रास्ता खोलो अभियान’ अब पूरे राजस्थान में: नागौर से शुरू हुई पहल बनी प्रदेशव्यापी मिशन

जयपुर। नागौर जिले में करीब चार साल पहले शुरू किया गया ‘रास्ता खोलो अभियान’ अब पूरे राजस्थान में लागू किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस बाबत राजस्व विभाग को परिपत्र जारी करते हुए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अभियान का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में बंद पड़े सार्वजनिक रास्तों को खुलवाना और उन पर अतिक्रमण को हटाकर आमजन को राहत देना है।

गौरतलब है कि नागौर के तत्कालीन जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने वर्ष 2021 में इस अभियान की शुरुआत की थी। अभियान के तहत न केवल वर्षों से बंद रास्ते खुलवाए गए, बल्कि नरेगा के तहत उन पर ग्रेवल सड़कें भी बनाई गईं। इससे हजारों किसानों और ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली। नागौर में मिली इस सफलता के बाद डॉ. सोनी ने अलवर और फिर जयपुर में भी इस अभियान को चलाया, जिसके सकारात्मक परिणामों को देखते हुए राज्य सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में एक माह तक चलाने का निर्णय लिया है।

अब हर बुधवार को होगा रास्ता खुलवाने का काम
नागौर में यह कार्रवाई हर शुक्रवार को की जाती थी, लेकिन प्रदेशव्यापी अभियान में यह हर बुधवार को की जाएगी। अभियान के दौरान बंद पड़े रास्तों को समझाइश और आपसी सहमति से खुलवाने का प्रयास किया जाएगा।

राजस्व विभाग ने दिए सख्त निर्देश

राजस्व विभाग के शासन उप सचिव हरिसिंह मीना ने जानकारी दी कि जिला भ्रमण और जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों से रास्तों पर अतिक्रमण की शिकायतें मिल रही थीं। अतिक्रमण के कारण ग्रामीणों में आपसी झगड़े होते हैं और विकास कार्यों में बाधा आती है। उन्होंने बताया कि पूर्व में ‘रास्ता खोलो अभियान’ के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का फैसला किया है।

अभियान के तहत होंगे ये प्रमुख कार्य

  • राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955 की धारा 25 के तहत रास्ता खुलवाना।

  • सार्वजनिक रास्तों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाना।

  • मुख्य ग्राम, बाडिया, ढाणियां व मजरा को जोड़ने वाले रास्तों का रिकॉर्ड में अंकन।

  • कदीमी (पुराने) रास्तों को रिकॉर्ड में शामिल करना।

  • बंद पड़े रास्तों को मौके पर खुलवाना।

  • नरेगा में निर्मित रास्तों का रिकॉर्ड में दर्ज होना।

  • कृषि भूमि पर आवागमन के लिए सार्वजनिक रास्तों का अंकन करना।

अभियान की होगी वीडियोग्राफी और साप्ताहिक रिपोर्टिंग

अभियान को सफल बनाने के लिए जिला और उपखंड स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। अभियान के दौरान खुलवाए गए रास्तों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करवाई जाएगी। उपखंड अधिकारी सप्ताह में कम से कम 10 रास्तों की समस्याओं का समाधान करेंगे। जिलेवार प्रगति रिपोर्ट प्रत्येक सोमवार को राजस्व मंडल को भेजी जाएगी।

राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस अभियान से ग्रामीण इलाकों में वर्षों से चली आ रही रास्तों की समस्याओं का समाधान होगा और आपसी सामंजस्य भी बेहतर बनेगा। इससे प्रदेश के सर्वांगीण विकास को गति मिलेगी।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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