लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ संशोधन विधेयक पास हो चुका है। अब यह विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद यह कानून का रूप ले लेगा। संसद में इस विधेयक के पारित होने के बाद देश के कई हिस्सों में मुस्लिम समुदाय ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस बीच बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने वालों पर कड़ा बयान दिया है।
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा, “यह पाकिस्तान नहीं, हिंदुस्तान है। जो लोग वक्फ संशोधन विधेयक का पालन न करने की धमकी दे रहे हैं, उन्हें जेल जाना होगा। यह नरेंद्र मोदी सरकार है, जो देश के संविधान और कानून के अनुसार चलेगी। संसद के दोनों सदनों से विधेयक पास हो चुका है, अब इसका विरोध करना सीधे तौर पर देशद्रोह है। ऐसे लोगों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।”
मुस्लिम नेताओं का जेडीयू से मोहभंग
गौरतलब है कि नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। इसके बाद से पार्टी के मुस्लिम नेताओं में नाराजगी साफ देखी जा रही है। पार्टी के कई मुस्लिम नेताओं ने एक के बाद एक इस्तीफा दे दिया है, जिससे जेडीयू में हलचल मच गई है।
बिहार में मुस्लिम वोट बैंक की चिंता
बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राज्य में मुस्लिम आबादी करीब 18 फीसदी है और कई सीटों पर मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में वक्फ बिल का समर्थन करना जेडीयू के लिए चुनावी जोखिम साबित हो सकता है। पार्टी के खिलाफ मुस्लिम समाज में नाराजगी बढ़ती दिख रही है।
पटना में पोस्टर वार
विधेयक पर समर्थन देने के बाद पटना की दीवारों पर जेडीयू के खिलाफ पोस्टर भी नजर आने लगे हैं। राजद नेता आरिफ जलानी की ओर से लगाए गए इन पोस्टरों में लिखा गया है, “गिरगिट रंग बदलता था, ये तो उससे भी ज्यादा स्पीड से रंग बदलने वाले निकले।” यह पोस्टर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला माना जा रहा है।
सियासी पारा चढ़ा
वक्फ बिल को लेकर संसद से सड़क तक घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट तक ले गई है, जबकि मुंबई, कोलकाता, चेन्नई समेत देश के कई बड़े शहरों में मुसलमान सड़क पर उतर आए हैं। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि सरकार वक्फ बिल पर पीछे नहीं हटेगी और इसे इसी सत्र में कानून बना दिया जाएगा।
बिहार सहित पूरे देश में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सियासी पारा चरम पर है। देखना होगा कि इस मुद्दे का असर आने वाले विधानसभा चुनावों पर किस रूप में पड़ता है।
