राजस्थान सरकार ने पंचायतों, उपतहसीलों और तहसीलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया में तेजी लाने का बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने इस कार्य के लिए चार सदस्यीय राज्य प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन सलाहकार समिति का गठन कर दिया है, जिसकी अध्यक्षता भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. ललित के. पंवार करेंगे। समिति का कार्यकाल छह माह का निर्धारित किया गया है।
सरकार की ओर से हाईकोर्ट में पेश जवाब के अनुसार, पंचायतों के पुनर्गठन का कार्य अप्रैल से जून तक पूरा कर लिया जाएगा। इसी के तहत समिति में प्रमुख राजस्व सचिव और राजस्व मंडल रजिस्ट्रार को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इसके साथ ही, राजस्थान प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी राजनारायण शर्मा को समिति का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
2,500 से ज्यादा ग्राम पंचायतें बढ़ने की संभावना
सूत्रों के अनुसार, पुनर्गठन प्रक्रिया के बाद प्रदेश में 2,500 से अधिक नई ग्राम पंचायतें बन सकती हैं। इससे स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक प्रभावी और सुगम बनाने में मदद मिलेगी। समिति न केवल राजस्व इकाइयों के पुनर्गठन का पैमाना तय करेगी, बल्कि पद संरचना और आकार पर भी सिफारिशें देगी। इसके अलावा, प्रशासनिक इकाइयों और राजस्व न्यायालयों में पदों के निर्धारण को लेकर भी समिति की अहम भूमिका होगी।
भौगोलिक परिस्थिति और जनआकांक्षाओं का रखा जाएगा ध्यान
समिति पुनर्गठन के दौरान भौगोलिक परिस्थितियों के साथ-साथ जनआकांक्षाओं का विशेष ध्यान रखेगी। सरकार का मानना है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवाएं और अधिक प्रभावी होंगी, जिससे आम जनता को लाभ मिलेगा।
प्रदेश में विकास को मिलेगा नया आयाम
विशेषज्ञों का कहना है कि पुनर्गठन के बाद राज्य में प्रशासनिक दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। गांवों और पंचायतों के पास अधिक संसाधन और बेहतर प्रबंधन तंत्र उपलब्ध होगा, जिससे ग्रामीण विकास को नई गति मिल सकेगी।
यह कदम भजनलाल सरकार के ‘गांव-गांव तक प्रभावी प्रशासन’ के विजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। सरकार की योजना है कि 4 जून तक पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, जिससे नए प्रशासनिक ढांचे के तहत कार्य शुरू किया जा सके।
