पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हालिया बयान पर बीजेपी ने तीखा पलटवार किया है। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल बयानबाजी कर रहे हैं। राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा, “गहलोत को समझना चाहिए कि जादू की छड़ी से काम नहीं चलता। आज वे घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, जबकि 15 वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद प्रदेश की यह स्थिति क्यों बनी, इसका जवाब उन्हें देना चाहिए।”
राठौड़ ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अशोक गहलोत ईआरसीपी (Eastern Rajasthan Canal Project) को लेकर बेवजह बयान दे रहे हैं, जबकि उनकी सरकार ने ही इस परियोजना को पांच साल तक ठंडे बस्ते में डाले रखा। राठौड़ ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने कांग्रेस सरकार के प्रतिनिधियों को कई बार बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन कोई प्रतिनिधि ही नहीं गया।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थन में राठौड़ ने कहा, “वसुंधरा राजे ने कोई गलत बात नहीं कही है। यदि कोई अधिकारी लापरवाही करता है तो उस पर कार्रवाई होनी ही चाहिए।” ज्ञानदेव आहूजा के मामले में उन्होंने कहा कि उनके जवाब का अध्ययन करने के बाद पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी।
गहलोत का पलटवार
दरअसल, अशोक गहलोत ने हाल ही में झालावाड़ में पानी की किल्लत का मुद्दा उठाने पर वसुंधरा राजे को घेरा था। गहलोत ने कहा, “वसुंधरा जी दो बार मुख्यमंत्री रहीं हैं, सिर्फ झालावाड़ की बात करना सही नहीं है। अगर उनमें ईमानदारी है, तो ईआरसीपी-पीकेसी परियोजना की सच्चाई सामने लाएं। वे जानती हैं कि नए एमओयू में कोई दम नहीं है।”
गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि अब सरकार खुद मान रही है कि बीते 9 वर्षों में इस परियोजना पर कोई ठोस काम नहीं हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया कि फिर नाम बदलकर जनता को क्यों गुमराह किया जा रहा है? गहलोत शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के साथ ज्योतिबा फुले जयंती पर सहकार भवन में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “पहले राजे सरकार द्वारा तैयार करवाया गया मसौदा कहीं अधिक प्रभावी था। हमारी सरकार ने उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की थी।”
राजस्थान की सियासत में गरमाया ईआरसीपी मुद्दा
ईआरसीपी को लेकर राजस्थान की सियासत में इन दिनों खासा गर्माहट है। एक ओर बीजेपी कांग्रेस पर परियोजना को लटकाने का आरोप लगा रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस सरकार केंद्र पर उपेक्षा का ठीकरा फोड़ रही है।
अब देखना होगा कि यह सियासी घमासान आने वाले दिनों में क्या नया मोड़ लेता है।
