वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग पर सख्त हुए गजेंद्र सिंह शेखावत, कहा – पात्रों तक ही पहुंचेगा लाभ

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है। जोधपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग हो रहा था, जिसे रोकने के लिए सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा। शेखावत ने कहा कि वक्फ की संपत्तियां जिनके कल्याण के लिए थीं, वे आम मुसलमानों तक नहीं पहुंच रही थीं। मुतवल्लियों और कुछ तथाकथित धर्म के ठेकेदारों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए इनका इस्तेमाल किया।

शेखावत ने कहा, “देश में अगर सबसे ज्यादा संपत्ति किसी के पास है, तो वह वक्फ बोर्ड के पास है। लेकिन इसका लाभ पात्रों तक नहीं पहुंच पा रहा था। इसलिए सरकार ने वक्फ संशोधन कानून लाने का निर्णय लिया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वक्फ की संपत्ति का लाभ सही लोगों तक पहुंचे।”

संविधान में समय के अनुसार बदलाव की आवश्यकता

वक्फ संशोधन कानून पर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए शेखावत ने कहा कि भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है, लेकिन अल्पसंख्यकों और विशेष समूहों के लिए विशेष प्रावधान भी करता है। उन्होंने कहा, “बाबा साहेब आंबेडकर ने संविधान को जीवंत दस्तावेज बनाया था, ताकि समय के साथ उसमें बदलाव किए जा सकें। यह शुरुआत है। वक्फ कानून में संशोधन हुआ है, ट्रिपल तलाक समाप्त हुआ है। भविष्य में भी देश की जनता की आशाओं के अनुरूप बदलाव देखने को मिलेंगे।”

मंदिरों की संपत्तियों पर भी रखी बात

मंदिरों की संपत्तियों से जुड़े सवाल पर शेखावत ने स्पष्ट किया कि अधिकांश मंदिरों का प्रबंधन राज्य सरकारों के देवस्थान विभाग के अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा, “राजस्थान में लगभग सभी मंदिरों का प्रबंधन देवस्थान विभाग के पास है। कुछ अपवाद जरूर हैं, जैसे पारिवारिक ट्रस्ट के मंदिर या रामदेवरा का मंदिर, जो एक समाधि स्थल है। उच्चतम न्यायालय ने भी इस पर निर्णय दिया है। दक्षिण भारत में मंदिरों का प्रबंधन न्यास के पास है। जब तक बहुसंख्यक समाज की ओर से कोई मांग नहीं आती, तब तक इसमें किसी तरह का बदलाव आवश्यक नहीं है।”

पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भी दी प्रतिक्रिया

पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर पूछे गए सवाल पर शेखावत ने कहा कि 2014 से पहले ही सरकार ने इनके दाम तय करने का अधिकार तेल कंपनियों और रिफाइनरियों को दे दिया था। उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से बाजार आधारित व्यवस्था है। सरकार का इसमें न्यूनतम हस्तक्षेप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी सिद्धांत है ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’। हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं।”

शेखावत के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। आने वाले दिनों में वक्फ संशोधन कानून को लेकर और भी चर्चाएं गर्म होने की संभावना है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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