राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रदेश में जल संकट से निपटने के लिए पूरी तरह एक्शन मोड में आ गए हैं। राज्य की दो प्रमुख जल परियोजनाएं—संशोधित PKC-ERCP (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) और यमुना जल परियोजना—को तय समय सीमा में पूरा करने के सख्त निर्देश दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि इन दोनों योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दो साल में पूरी होगी PKC-ERCP परियोजना
राजस्थान के पूर्वी हिस्से में जल संकट को स्थायी समाधान देने वाली PKC-ERCP परियोजना को सरकार ने अगले दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हर 15 दिन में प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत करनी होगी। भूमि अधिग्रहण के लिए विशेष अधिकारी भी नियुक्त किए जाएंगे।
20 अप्रैल को पिलानी में यमुना जल समझौते पर अहम बैठक
सीएम भजनलाल शर्मा स्वयं 20 अप्रैल को पिलानी में यमुना जल परियोजना को लेकर टास्क फोर्स की बैठक लेंगे। इस परियोजना से राजस्थान को हर साल करोड़ों लीटर पानी मिलने की उम्मीद है, जिससे हजारों गांवों को राहत मिल सकेगी।
ईसरदा और परवन परियोजनाएं भी जून तक होंगी पूरी
मुख्यमंत्री ने ईसरदा पेयजल और परवन बहु-उद्देशीय सिंचाई परियोजनाओं को जून तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पंप हाउस, पाइपलाइन वितरण, और डिग्गी निर्माण में तेजी लाने को कहा है। इसके अलावा, पीपलखूंट हाई लेवल कैनाल, देवास तृतीय एवं चतुर्थ, तथा साबरमती बेसिन की परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई।
गर्मियों में जल संकट से निपटने के लिए खास निर्देश
मुख्यमंत्री ने PHED की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे फील्ड में सक्रिय रहें और जल से जुड़ी शिकायतों का तुरंत समाधान करें। जिलों में जल आपूर्ति से जुड़े कामों को कलक्टरों की सिफारिश पर प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने को कहा गया है।
राज्य स्तर और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम के नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा और प्रत्येक गांव में दो “जल मित्र” नियुक्त किए जाएंगे। वहीं, नहरबंदी से प्रभावित जिलों में सभी डिग्गियों को भरने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
