पहलगाम आतंकी हमला: सुरक्षा परिदृश्य पर रक्षा मंत्री की उच्चस्तरीय बैठक, अमित शाह ने लिया घटनास्थल का जायजा

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पूरे देश में शोक और आक्रोश का माहौल है। इस हमले में दो विदेशी पर्यटकों सहित 28 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जबकि 20 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

हमले के बाद केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने त्वरित और सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद घटनास्थल पर पहुंचे और ग्राउंड ज़ीरो से सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और तीनों सेना प्रमुखों के साथ आपातकालीन बैठक की, जिसमें कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर व्यापक चर्चा की गई।

गृह मंत्री ने पीड़ितों से की मुलाकात, दिया भरोसा

अमित शाह ने श्रीनगर में सबसे पहले हमले के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा, “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।” इसके बाद उन्होंने पहलगाम जाकर हमले की जगह का मुआयना किया और अस्पताल में भर्ती घायलों से भी मुलाकात की।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने की आर्थिक सहायता की घोषणा

राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को ₹10-10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को ₹2 लाख और मामूली घायलों को ₹1 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले को “जम्मू-कश्मीर की शांति और पर्यटन पर सीधा हमला” बताया और इसे “शांतिपूर्ण प्रयासों को विफल करने की साजिश” करार दिया।

विपक्ष और राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रिया

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने हमले को “कश्मीरियत पर हमला” बताया और गृह मंत्री से दोषियों की पहचान कर उन्हें सज़ा दिलाने की मांग की। बीजेपी नेताओं ने पाकिस्तान को चेतावनी दी और कहा कि “इस बार करारा जवाब मिलेगा।”

सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन, बारामूला में मुठभेड़

हमले के बाद कश्मीर घाटी में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। बारामूला जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया। सेना का ऑपरेशन अभी भी जारी है।

विशेष विमान और सैन्य संसाधनों की तैनाती

पीड़ितों को उनके गृह राज्य वापस पहुंचाने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने चार विशेष विमानों की व्यवस्था की है। वहीं, दो महीने बाद एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टरों को आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए फिर से उड़ान भरने की अनुमति दी गई है।


यह हमला न केवल निर्दोष नागरिकों पर बल्कि पूरे भारत की आत्मा पर हमला है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस घटना का सख्त जवाब देने के लिए कमर कस चुकी हैं। देश इस दुःख की घड़ी में एकजुट है, और हर नागरिक की यही पुकार है—“अब और नहीं।”

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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