जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें बड़ी संख्या में पर्यटक शामिल थे। घटना के बाद भारत सरकार ने त्वरित और कड़े कदम उठाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसलों का ऐलान किया है।
सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को तत्काल भारत छोड़ने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। सबसे महत्वपूर्ण फैसला यह रहा कि भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया है, जिससे भारत की पाकिस्तान पर जल कूटनीति के जरिए दबाव बढ़ेगा। इसके अलावा, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं, और नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में स्टाफ की संख्या घटाकर 30 कर दी गई है।
सर्वदलीय बैठक में अहम रणनीति तय होगी
आज शाम 6 बजे देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। इसमें गृहमंत्री अमित शाह पहलगाम हमले की पूरी जानकारी देंगे। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यस्तताओं के चलते जेडीयू नेताओं ने बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई है, लेकिन सरकार के फैसलों का समर्थन किया है।
उधमपुर में मुठभेड़ जारी, सेना का सर्च ऑपरेशन तेज
हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं। उधमपुर के डुडु बसनतगढ़ जंगल में आतंकियों से मुठभेड़ जारी है। सेना की 9वीं और 16वीं कोर की सीमा पर बसे इस क्षेत्र में आतंकियों के छिपे होने की आशंका जताई गई है। साथ ही पुंछ के लसाना वन क्षेत्र में भी सेना और SOG का संयुक्त तलाशी अभियान चल रहा है।
पीएम मोदी पहली बार जनता के बीच, भावुक कर सकती है बात
हमले के बाद आज पहली बार प्रधानमंत्री मोदी जनता के सामने आएंगे। वे बिहार के मधुबनी में 13,500 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस दौरान वह हमले पर कोई महत्वपूर्ण बात कह सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और संवेदनाएं
इस हमले की वैश्विक निंदा हो रही है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इसे “चौंकाने वाला और मूर्खतापूर्ण हमला” बताते हुए तीव्र निंदा की है। वहीं अमेरिका के पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन ने कहा कि भारत को अब पाकिस्तान के प्रति और कड़ा रुख अपनाना चाहिए।
शहीदों को राष्ट्र का नमन
इस हमले में जान गंवाने वाले नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों को पूरे देश में श्रद्धांजलि दी जा रही है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों में पीड़ितों के शव उनके गृह राज्य लाए जा चुके हैं। कई मुख्यमंत्रियों ने मुआवजे और हरसंभव सहायता की घोषणा की है।
