राजधानी जयपुर में शुक्रवार रात जौहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद के बाहर और भीतर हुए विवाद ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। हवामहल विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य पर धार्मिक भावनाएं भड़काने, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और नमाजियों को जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोप लगे हैं। घटना के बाद माणक चौक थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
क्या हुआ था घटनास्थल पर?
जानकारी के मुताबिक, बालमुकुंद आचार्य शुक्रवार रात पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में अपने समर्थकों के साथ बड़ी चौपड़ पहुंचे थे। इस दौरान दीवारों पर ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के पोस्टर चिपकाए गए। जब उनका काफिला जामा मस्जिद के पास पहुंचा, तो विधायक और उनके समर्थक मस्जिद के अंदर घुस गए। उस समय मस्जिद में वुजु हो रहा था। मस्जिद के भीतर धार्मिक नारे लगाए गए, सीढ़ियों पर पोस्टर चिपकाए गए और उन पर लात मारी गई।
मस्जिद प्रशासन ने लगाए गंभीर आरोप
मस्जिद प्रशासन की शिकायत के अनुसार, बालमुकुंद आचार्य और उनके 60-70 समर्थकों ने अवैध रूप से मस्जिद में घुसपैठ कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। आरोप है कि नमाज के समय जानबूझकर धार्मिक नारेबाजी की गई और नमाज अदा कर रहे लोगों को जान से मारने की धमकी दी गई। मस्जिद कमेटी ने आरोप लगाया कि यह घटना एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी, जो चुनाव के बाद से धार्मिक स्थलों पर तनाव फैलाने के प्रयासों का सिलसिला है।
दर्ज एफआईआर में कौन-कौन सी धाराएं?
बालमुकुंद आचार्य पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की निम्नलिखित धाराएं लगाई गई हैं:
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धारा 298: पूजा स्थल या पवित्र वस्तु को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना – 2 साल तक की जेल या जुर्माना।
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धारा 300: धार्मिक सभा में जानबूझकर बाधा डालना – 1 साल तक की जेल या जुर्माना।
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धारा 302: धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए शब्द, संकेत या आवाज का प्रयोग – 1 साल तक की जेल या जुर्माना।
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धारा 351 (3): आपराधिक धमकी देना (मृत्यु या गंभीर नुकसान की धमकी) – 7 साल तक की जेल या जुर्माना।
यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो विधायक को अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है।
पुलिस का बयान
जयपुर पुलिस के अनुसार, इलाके में फिलहाल शांति है। पुलिस ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है और घटनास्थल से जुटाए गए सबूतों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। मस्जिद के सीसीटीवी फुटेज में विधायक समर्थकों की गतिविधियां स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं।
राजनीतिक हलचल तेज
घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में भी गर्माहट देखी जा रही है। विपक्ष ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है, जबकि बीजेपी की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है। आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है।
