भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के फैसले से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। शुक्रवार को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने “या तो सिंधु में पानी बहेगा या खून” की धमकी दी थी। अब शनिवार को प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी भारत को करारा जवाब देने की हुंकार भरी है।
हालांकि, समझौते के निलंबन का असर अभी पाकिस्तान की ओर बह रहे पानी पर तत्काल नहीं पड़ा है, लेकिन भविष्य में इसके गंभीर परिणामों की आशंका से पाकिस्तान कांप उठा है। शाहबाज शरीफ ने सिंधु नदी को पाकिस्तान की ‘जीवन रेखा’ बताते हुए चेतावनी दी कि इस नदी के प्रवाह में किसी भी तरह का बदलाव उनके देश के लिए विनाशकारी हो सकता है। आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान की लगभग 80% सिंचाई सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पानी पर निर्भर है।
भारत की सख्त कार्रवाई से पाकिस्तान में बेचैनी
पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान ने इसमें अपनी संलिप्तता से इनकार किया है और तीसरे पक्ष से जांच कराने का प्रस्ताव रखा है। शुक्रवार को भारत के गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और जल संसाधन मंत्री सी.आर. पाटिल की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया कि सिंधु सहित अन्य नदियों के जल संसाधनों का भारत में अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
सिंध प्रांत में पहले से ही पानी को लेकर असंतोष
बिलावल भुट्टो के बयान को सिंध में गहराते जल संकट से जोड़कर देखा जा रहा है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में छह नई नहरों के निर्माण के खिलाफ सिंध प्रांत में व्यापक विरोध हुआ था, जिसके चलते पाकिस्तान सरकार को नहर निर्माण कार्य को रोकना पड़ा था।
पाकिस्तान का दोहरा चेहरा
शाहबाज शरीफ ने पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी के पासिंग आउट परेड में कहा कि उनकी सेना भारत के किसी भी आक्रमण का माकूल जवाब देने के लिए तैयार है। समारोह में पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर भी मौजूद थे। शरीफ ने पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान के किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इनकार करते हुए निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से जांच कराने की पेशकश की। लेकिन इतिहास गवाह है कि 2008 के मुंबई हमलों से लेकर पठानकोट एयरबेस हमले तक पाकिस्तान ने भारत द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्टों और सबूतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
कश्मीर मुद्दे को भुनाने की कोशिश
पाकिस्तान एक ओर जहां आतंकवाद से जुड़े आरोपों से बचने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर कश्मीर मुद्दे को उभारने का प्रयास भी तेज कर रहा है। शाहबाज शरीफ ने कश्मीरी लोगों के संघर्ष का समर्थन जारी रखने की घोषणा करते हुए भारत पर मुसलमानों और सिखों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। जनरल मुनीर के “मुसलमानों को हिंदुओं से बिल्कुल अलग” बताने वाले बयान का भी उन्होंने समर्थन किया। विश्लेषकों के अनुसार, आंतरिक राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए कश्मीर और मुस्लिम पहचान का मुद्दा ही फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को प्रासंगिक बनाए रखने का एकमात्र सहारा बचा है।
