महिला शिक्षकों की जासूसी का आरोप: प्रधानाचार्य के खिलाफ जांच, स्टाफ रूम में लगाए थे कैमरे

राजस्थान के भरतपुर जिले के उच्चैन स्थित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। विद्यालय की महिला शिक्षकों ने प्रधानाचार्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत के अनुसार, महिलाओं की निजता भंग करने और उन पर गंदी नजर रखने के उद्देश्य से प्रधानाचार्य ने स्टाफ रूम में सीसीटीवी कैमरे लगवाए, जहां वे अपने कपड़े भी ठीक करती थीं।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलक्टर के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। जांच टीम में सीबीईओ देवेंद्र सिंह, एडीईओ कुहेर, डीईओ कार्यालय की नीलमा और एसीबीईओ संगीता फौजदार शामिल हैं। यह दूसरी बार है जब इस मामले में जांच हो रही है, जबकि पहली जांच की रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है।

शिकायत में क्या कहा गया है?

महिला शिक्षकों ने 8 अप्रैल 2025 को जिला कलक्टर को लिखित शिकायत दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि: स्टाफ रूम, जहां महिलाएं आराम करती थीं, वहां जानबूझकर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। जब आपत्ति जताई गई, तो प्रधानाचार्य ने उस कमरे पर ताला लगवा दिया और महिलाओं को कार्यालय में बैठने को मजबूर किया। अवकाश लेने के लिए महिलाओं को मोबाइल पर मैसेज या कॉल करने को मजबूर किया जाता है। लंबी छुट्टी की मांग पर महिलाओं से “प्राइवेट शिक्षक” के नाम पर रुपए वसूले जाते हैं। महिलाओं की सर्विस बुक में जानबूझकर फेरबदल कर पीएल (प्रिविलेज लीव) कम की गई।

अन्य गंभीर आरोप

प्रधानाचार्य, महिला शिक्षकों के साथ छात्रों के सामने भी अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। विद्यालय में आए दिन विभागीय जांचें होती रहती हैं, जिनमें प्रधानाचार्य कर्मचारियों पर अपने पक्ष में बयान देने का दबाव बनाते हैं। वेतन भुगतान में जानबूझकर देरी की जाती है, जिससे महिलाएं मजबूर होकर प्रधानाचार्य से व्यक्तिगत रूप से मिलें। राजीनामा के लिए अधिकारियों द्वारा दबाव बनाए जाने की भी बात सामने आई है।

अब जांच कमेटी ने प्रारंभिक स्तर पर बयान दर्ज किए हैं और अब तक रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपनी बाकी है। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा को बिंदुवार जांच करने के आदेश दिए गए हैं। पहली बार की गई जांच की रिपोर्ट नदारद है और जिम्मेदार अधिकारी इससे बचते नजर आ रहे हैं। यह सवाल भी उठ रहे हैं कि कहीं यह मामला दबाने की कोशिश तो नहीं की जा रही? अब नजरें जांच समिति की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि क्या यह मामला महिला शिक्षकों की निजता का उल्लंघन है या कुछ और।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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