भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारत सरकार ने सुरक्षा तैयारियों को परखने के उद्देश्य से देशभर में एक व्यापक ‘सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल’ का आयोजन करने का निर्णय लिया है। गृह मंत्रालय के आदेशानुसार, 7 मई को देश के 244 नागरिक सुरक्षा जिलों में यह अभ्यास होगा, जिनमें राजस्थान के 28 प्रमुख शहर शामिल हैं।
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य किसी भी संभावित विदेशी हमले या आपात स्थिति में राज्य की तैयारियों को जांचना और आम नागरिकों को जागरूक करना है। इसके तहत राज्य सरकार ने सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। जयपुर सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक में मॉक ड्रिल की रूपरेखा तय की गई है।
इन 28 शहरों में होगी मॉक ड्रिल
कोटा, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, अलवर, भरतपुर, अजमेर, बाड़मेर, बूंदी, सीकर, गंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, रावतभाटा, नाल, सूरतगढ़, आबूरोड, नसीराबाद, भिवाड़ी, फुलेरा, नागौर, जालोर, ब्यावर, लालगढ़, सवाई माधोपुर, पाली, और भीलवाड़ा में यह ड्रिल आयोजित होगी।
क्या-क्या होगा इस मॉक ड्रिल में?
ब्लैकआउट: चिन्हित क्षेत्रों में निर्धारित समय पर सभी प्रकार की लाइटें—घर की, सड़कों की, वाहनों की—बंद करनी होंगी।
सायरन अलर्ट: बीकानेर में 10 और जोधपुर में 18 स्थानों पर सायरन लगाए गए हैं। इनके माध्यम से एयर अटैक अलर्ट का अभ्यास होगा।
बचाव प्रशिक्षण: छात्रों और आम नागरिकों को नागरिक सुरक्षा उपायों का प्रशिक्षण मिलेगा। बंकरों और खाइयों की सफाई की जाएगी।
आपातकालीन संचार: वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो संपर्क की कार्यप्रणाली का परीक्षण होगा।
संवेदनशील स्थानों पर निगरानी: एयरपोर्ट, स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पतालों जैसे स्थानों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
क्यों हो रही है यह मॉक ड्रिल?
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाक संबंधों में तनाव बढ़ा है। इस पृष्ठभूमि में यह मॉक ड्रिल देश की आंतरिक सुरक्षा और नागरिकों की जागरूकता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नागरिकों से अपील
राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे मॉक ड्रिल के दौरान दिशा-निर्देशों का पालन करें, घबराएं नहीं, और एक-दूसरे को सहयोग करें। इसका उद्देश्य केवल तैयारी की जांच है, न कि किसी वास्तविक खतरे की सूचना।
