जयपुर।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए बधाई दी। इस विशेष सैन्य कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। देवनानी ने इस ऑपरेशन को ‘ऐतिहासिक बदला’ बताया और कहा कि इसका नाम उन बहनों की पीड़ा और बलिदान के सम्मान में रखा गया है, जिनके पतियों को 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर मार डाला था।
देवनानी ने कहा, “पूरा देश गर्व से भरा है। यह सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। ‘सिंदूर’ नाम एक प्रतीक है उन स्त्रियों के साहस और बलिदान का, जिन्होंने अपने जीवनसाथी को इस क्रूरता में खोया।”
कांग्रेस ने भी जताई एकजुटता
इस ऑपरेशन को लेकर केवल भाजपा ही नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी ने भी भारतीय सेना के इस कदम की सराहना की है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस कड़े संदेश के लिए कांग्रेस सेना और सरकार के साथ खड़ी है। वहीं, विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने भी कहा कि आम नागरिकों पर हुए हमले से देश में गुस्सा है और सेना की यह कार्रवाई न्याय दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
सेना की रणनीतिक सफलता
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि यह ऑपरेशन पूरी तरह से पीड़ितों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि कुल 9 आतंकी अड्डों को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया, ताकि किसी भी निर्दोष नागरिक या बुनियादी ढांचे को नुकसान न पहुंचे।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस वार्ता में बताया कि इन ठिकानों में मुरीदके शामिल है, जो 2008 मुंबई हमलों के अपराधियों — डेविड हेडली और अजमल कसाब — का प्रशिक्षण केंद्र रहा है। इसके अलावा, सियालकोट, बरनाला और कोटली के अन्य आतंकी शिविरों को भी सफलतापूर्वक नष्ट किया गया।
हमले का उद्देश्य था कश्मीर को अस्थिर करना
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, “पहलगाम हमला बेहद अमानवीय था। इसका मकसद कश्मीर में लौट रही शांति को तहस-नहस करना था।” उन्होंने बताया कि हमलावरों ने पीड़ितों को बेहद नजदीक से गोली मारकर जानबूझकर क्रूरता का प्रदर्शन किया, ताकि भय का वातावरण बनाया जा सके।
निष्कर्षतः, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न सिर्फ एक सैन्य सफलता है, बल्कि यह भारत के नागरिकों को न्याय और सुरक्षा देने की प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। राजनीतिक दलों की एकजुटता और सेना की रणनीतिक चतुराई ने इस ऑपरेशन को ऐतिहासिक बना दिया है।
