भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव शुक्रवार को एक बार फिर चरम पर पहुंच गया जब गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात को पाकिस्तान की ओर से पूरी पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की श्रृंखला की गई। भारतीय सेना ने इन सभी हमलों को प्रभावी रूप से विफल करते हुए एक बार फिर अपनी तैयारी और जवाबी क्षमता का प्रदर्शन किया।
भारतीय सेना ने शुक्रवार सुबह एक आधिकारिक वीडियो जारी कर कहा कि पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन और हथियारबंद हमलों को निष्क्रिय कर दिया गया है और सभी “नापाक मंसूबों” का सख्ती से जवाब दिया जाएगा। सेना ने बताया कि जम्मू, पठानकोट, उधमपुर सहित कई सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए थे जिन्हें समय रहते रोक दिया गया।
रक्षा मंत्रालय ने स्थिति पर बयान जारी करते हुए कहा, “भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है।” मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया के तहत सभी खतरों को तत्काल निष्क्रिय किया गया और किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं है।
इस बीच, पंजाब सरकार ने सीमावर्ती जिलों में आपात सेवाओं की समीक्षा शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, कैबिनेट मंत्री सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करेंगे, अस्पतालों और राशन आपूर्ति की उपलब्धता की जांच की जाएगी। मंत्री लाल चंद कटारूचक्क और डॉ. रवजोत सिंह गुरदासपुर पहुंचेंगे, जबकि मंत्री कुलदीप धालीवाल और मोहिंदर भगत अमृतसर की जिम्मेदारी संभालेंगे।
चंडीगढ़ में शुक्रवार सुबह वायु सेना स्टेशन से संभावित हवाई हमले की चेतावनी के बाद अलर्ट जारी किया गया। सायरन बजाए गए और जिला प्रशासन ने नागरिकों से घर के अंदर रहने की अपील की। वहीं, पटियाला में चेतावनी अलर्ट हटा लिया गया है, लेकिन स्कूल-कॉलेज अगले आदेश तक बंद रहेंगे।
इसके अलावा, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ एक उच्च स्तरीय आपात बैठक कर सकते हैं। इस बैठक में हालिया हमलों और संभावित जवाबी रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के भी पुंछ और राजौरी का दौरा करने की संभावना जताई जा रही है। वे गुरुवार को जम्मू पहुंचकर ड्रोन हमले के बाद की स्थिति का आकलन कर चुके हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात ने क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा असर डाला है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। आने वाले दिनों में घटनाक्रम और कूटनीतिक प्रतिक्रियाएं इस टकराव की दिशा तय करेंगी।
