भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस सैन्य कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल हमलों का आरोप लगाया है, जबकि अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस संघर्ष में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई
7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-शासित कश्मीर में नौ स्थानों पर हवाई हमले किए। सरकारी बयान के अनुसार, ये हमले आतंकवादी ठिकानों पर केंद्रित थे और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया । यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: बदला लेने की धमकी
पाकिस्तान ने भारत पर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि उसने जवाबी कार्रवाई में 40-50 भारतीय सैनिकों को मार गिराया है । पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत को चेतावनी दी है कि वह इस ‘आक्रामकता’ का मुंहतोड़ जवाब देगा।
अमेरिका का रुख: ‘यह हमारा मामला नहीं’
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका इस संघर्ष में सैन्य हस्तक्षेप नहीं करेगा। फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “हम इस युद्ध के बीच में नहीं पड़ेंगे, जो मूल रूप से हमारा मामला नहीं है और जिस पर अमेरिका का कोई नियंत्रण नहीं है” । हालांकि, उन्होंने दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी भारत और पाकिस्तान के नेताओं से बातचीत कर तनाव कम करने का आग्रह किया है ।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता
संयुक्त राष्ट्र, ईरान, रूस, चीन और ब्रिटेन सहित कई देशों ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है ।
निष्कर्ष
भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अमेरिका के हस्तक्षेप से इनकार के बाद, अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें भारत और पाकिस्तान पर हैं कि वे इस संकट को कैसे सुलझाते हैं।
