भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे तनाव के बाद आखिरकार दोनों देशों ने शनिवार को सीजफायर पर सहमति जताई। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शाम को एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी आधिकारिक घोषणा की। हालांकि, सीजफायर की घोषणा के बावजूद राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में एहतियातन सुरक्षा उपाय जारी रहेंगे। इसी क्रम में जोधपुर शहर में शनिवार रात को भी ब्लैकआउट लागू रहेगा।
जोधपुर में रात 12 से सुबह 4 बजे तक ब्लैकआउट
जिला कलेक्टर एवं नागरिक सुरक्षा नियंत्रक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 10 मई की रात को 12 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक जोधपुर में पूर्ण ब्लैकआउट रहेगा। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि आवश्यकता पड़ने पर ब्लैकआउट को पहले भी लागू किया जा सकता है। यह फैसला एहतियाती सुरक्षा उपायों के तहत लिया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
पहले हटाया गया था आदेश, फिर बदला फैसला
गौरतलब है कि शनिवार शाम को प्रशासन द्वारा ब्लैकआउट हटाने का आदेश भी जारी किया गया था। लेकिन बाद में सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर यह फैसला पलटा गया और रात में ब्लैकआउट को यथावत रखने के निर्देश जारी किए गए।
जैसलमेर और बाड़मेर में भी सतर्कता
सिर्फ जोधपुर ही नहीं, जैसलमेर में भी आज रात 11 बजे से सुबह 4 बजे तक ब्लैकआउट रहेगा। बाड़मेर जिले में तो शाम 6 बजे के बाद ‘नो एंट्री’ लागू कर दी गई है और बाजारों को 5 बजे ही बंद करा दिया गया। जिला प्रशासन की ओर से लगातार जनता से सहयोग की अपील की जा रही है।
रेड अलर्ट ने बढ़ाई थी अफरा-तफरी
शनिवार सुबह करीब 10:15 बजे जोधपुर शहर में रेड अलर्ट जारी किया गया था, जिससे शहर में हड़कंप मच गया। बाजारों में अचानक भीड़ उमड़ पड़ी, लोग किराना, पेट्रोल और जरूरी सामान खरीदने के लिए दुकानों पर टूट पड़े। दोपहर बाद प्रशासन ने अलर्ट को हटा लिया और स्थिति सामान्य होती दिखी। बावजूद इसके, सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
जनता से प्रशासन की अपील
प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक घोषणाओं पर विश्वास करें। ब्लैकआउट के दौरान सभी लोग अपने घरों में रहें, अनावश्यक रोशनी बंद करें और आपात स्थिति में ही बाहर निकलें।
यह स्पष्ट है कि सीजफायर के बाद भी सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। जोधपुर और आसपास के क्षेत्रों में ब्लैकआउट जैसे कदम उसी दिशा में उठाए जा रहे हैं।
