भारत-पाकिस्तान के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में घोषित सीजफायर के कुछ ही घंटों बाद, देश के विभिन्न सीमावर्ती इलाकों से ड्रोन गतिविधियों और धमाकों की खबरों ने आम नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है। इसी गंभीर पृष्ठभूमि में रविवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मामलों की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें CDS (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे।
सीजफायर की उम्मीदों को तोड़ा पाकिस्तान ने?
10 मई को घोषित संघर्षविराम के बाद पूरे देश में शांति की उम्मीदें बंधी थीं। लेकिन श्रीनगर, नगरोटा, जैसलमेर और अमृतसर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन देखे जाने और विस्फोटों की खबरों ने एक बार फिर पाकिस्तान की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, तुर्किए निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल कर धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की कोशिश की गई।
जैसलमेर और अमृतसर में ब्लैकआउट
शनिवार देर रात राजस्थान के जैसलमेर जिले में 11:55 बजे के बाद छह जोरदार धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। इससे पहले पूरे क्षेत्र में ब्लैकआउट कर दिया गया था। इसी तरह, अमृतसर में भी एहतियातन ब्लैकआउट लागू किया गया। डीसी कार्यालय द्वारा सुबह 4:39 बजे जारी निर्देश में लोगों से घरों के भीतर रहने, लाइटें बंद रखने और खिड़कियों से दूर रहने को कहा गया।
प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा बैठक
इन घटनाओं के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी के सरकारी आवास पर हाई लेवल बैठक हुई, जिसमें सीडीएस और सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों ने हिस्सा लिया। माना जा रहा है कि बैठक में सीमा पर मौजूदा स्थिति, पाकिस्तान की हरकतों और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।
शांति लेकिन सतर्कता: जम्मू-कश्मीर और पंजाब
हालांकि रविवार सुबह तक जम्मू-कश्मीर और पंजाब में स्थिति सामान्य रही। पुंछ, श्रीनगर और फिरोजपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में किसी नए हमले की सूचना नहीं है। सरकार और प्रशासन ने लोगों से सतर्कता बरतने और बिना आवश्यक कारण घर से बाहर न निकलने की अपील की है।
शहीद के बेटे ने कहा: सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट
पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए मेजर कौस्तुभ गणबोटे के बेटे कुणाल ने मीडिया से कहा, “हम सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। यह हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि है। हम अब अपने जीवन में सामान्यता लाने की कोशिश कर रहे हैं।”
निष्कर्ष:
ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के हालिया उकसावे के बीच भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह शांति के प्रयासों के साथ-साथ जवाबी कार्रवाई के लिए भी पूरी तरह तैयार है। सेना और सुरक्षा एजेंसियां पूर्ण सतर्कता में हैं, और नागरिकों से संयम व सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।
