प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई को राजस्थान के बीकानेर जिले के देशनोक रेलवे स्टेशन का दौरा करेंगे। यह दौरा कई मायनों में खास रहेगा, क्योंकि यह “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद प्रधानमंत्री का पहला राजस्थान दौरा है। इस मौके पर वे देशभर के 103 पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे, जो अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्निर्मित किए गए हैं।
राजस्थान को मिला खास स्थान
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उद्घाटन किए जा रहे इन 103 स्टेशनों में राजस्थान के 8 स्टेशन भी शामिल हैं—बूंदी, माण्डलगढ़, देशनोक, गोगामेड़ी, गोविंदगढ़, मण्डावर-महुआ रोड, फतेहपुर शेखावाटी और राजगढ़। इन स्टेशनों पर कुल करीब 75 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। खास बात यह है कि हर स्टेशन पर राजस्थान की कला, संस्कृति और परंपरा को दर्शाने वाले डिजाइन शामिल किए गए हैं। उदाहरण के तौर पर, फतेहपुर शेखावाटी स्टेशन पर शेखावाटी शैली की चित्रकारी और स्थापत्य कला का समावेश किया गया है।
जनसभा को करेंगे संबोधित
देशनोक स्टेशन पर कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी पास ही स्थित पलाना गांव में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस दौरान उनके साथ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री सुबह 11 बजे देशनोक स्टेशन पहुंचेंगे, जहां वे पहले स्टेशन का निरीक्षण करेंगे और फिर उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे।
20 राज्यों के स्टेशन शामिल
इस वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम के जरिए पीएम मोदी 20 राज्यों के स्टेशनों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इनमें उत्तर प्रदेश (19 स्टेशन), गुजरात (18), महाराष्ट्र (15), तमिलनाडु (9), राजस्थान (8), मध्य प्रदेश (6), कर्नाटक और छत्तीसगढ़ (5-5), पश्चिम बंगाल, झारखंड, तेलंगाना (3-3), बिहार और केरल (2-2), तथा असम, हरियाणा, पुड्डुचेरी, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश (1-1) स्टेशन शामिल हैं।
1 लाख करोड़ की योजना
‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ देशभर के 1300 से अधिक रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसकी कुल लागत 1 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। इस योजना के तहत राजस्थान के 80 से अधिक स्टेशनों को आधुनिक रूप दिया जा रहा है।
स्थानीय रंग में रंगे समारोह
उद्घाटन समारोह के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ आमजन भी बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे। स्टेशनों को न केवल तकनीकी रूप से उन्नत बनाया गया है, बल्कि उनमें स्थानीय संस्कृति की झलक भी नजर आएगी, जिससे यात्रियों को एक सांस्कृतिक अनुभव भी मिलेगा। यह दौरा न केवल बुनियादी ढांचे की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी इसे अहम माना जा रहा है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद राज्य में प्रधानमंत्री की यह पहली उपस्थिति है।
