हाफिज सईद के बेटे तल्हा ने लाहौर में भारत-विरोधी रैली में उगला ज़हर, पाकिस्तानी नेताओं की मौजूदगी से खुफिया एजेंसियां सतर्क

पाकिस्तान में भारत-विरोधी गतिविधियों का नया चेहरा बनते जा रहे तल्हा सईद ने बुधवार को लाहौर में एक सार्वजनिक रैली में भारत के खिलाफ ज़हर उगला। आतंकवाद के मास्टरमाइंड और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी हाफिज सईद के बेटे तल्हा ने इस रैली में न सिर्फ जिहाद का आह्वान किया, बल्कि भारत को सिंधु जल समझौते के माध्यम से ‘गला घोंटने’ की सीधी धमकी भी दी।

यह रैली इसलिए और खतरनाक मानी जा रही है क्योंकि इसमें पाकिस्तानी पंजाब विधानसभा के स्पीकर मलिक अहमद खान सहित कई राजनेता मंच पर मौजूद थे। मंच से पाकिस्तान के आतंकी और राजनीतिक गठजोड़ का संदेश स्पष्ट दिखा, जिसने भारतीय खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।

आतंक और सत्ता का खतरनाक मेल

इस रैली में हाफिज सईद और पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के संयुक्त पोस्टर लगाए गए थे, जो आतंकवाद और पाकिस्तानी सत्ता के बीच खतरनाक मेल का प्रतीक माने जा रहे हैं। तल्हा सईद ने अपने भाषण में खुलेआम “भारत को सबक सिखाने” की बात की और अपने पिता की ओर से “सलाम” भी भिजवाया।

खुफिया सूत्रों का दावा: तालमेल का ‘पायलट प्रोजेक्ट’

भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, यह रैली महज़ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि पाक सेना और पंथी संगठनों के बीच गठजोड़ का ‘पायलट प्रोजेक्ट’ थी। सूत्रों ने खुलासा किया कि कार्यक्रम “ऑपरेशन बनयान अल-मर्सस” की सालगिरह के बहाने आयोजित किया गया था, लेकिन असली मकसद भारत के खिलाफ जमीनी और कूटनीतिक माहौल बनाना था।

इसमें पाक सेना की “डिफेंस कम्युनिकेशन विंग” ने तकनीकी और प्रचार सामग्री की व्यवस्था की। रैली के बाद गुप्त स्थानों पर चरमपंथी नेताओं की बैठक भी हुई, जिसमें POK में सक्रिय गुटों को जल्द कार्रवाई में लाने की योजना पर चर्चा हुई।

भारत की प्रतिक्रिया: गंभीर सुरक्षा चुनौती

तल्हा सईद के बयान को भारत ने “गंभीर सुरक्षा चुनौती” करार दिया है। पूर्व राजनयिकों और रक्षा विशेषज्ञों ने इसे पाकिस्तान की “दोहरी नीति” का प्रमाण बताया है। विपक्ष ने सरकार से इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में कड़े स्वर में उठाने की मांग की है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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