2008 में राजस्थान ब्लास्ट केस में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की प्रतिक्रिया तब साफ हुई जब राजस्थान हाई कोर्ट ने चारों दोषियों को बरी कर दिया. अपराधियों की रिहाई को दुखद बताते हुए पायलट ने कहा कि धमाके किसी ने किए होंगे इसलिए इस आतंकी हमले के दोषियों की रिहाई अपने आप में दुखद है. पायलट गुरुवार को जयपुर में मीडिया से बात कर रहे थे, इस दौरान उन्होंने राइट टू हेल्थ को लेकर विरोध कर रहे डॉक्टरों से भी मुलाकात की और सरकार से बीच का रास्ता निकालने की अपील की। उन्होंने कहा कि मुद्दों पर टकराव के बीच किसी भी पक्ष को कड़ा रूख अख्तियार नहीं करना चाहिए और समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए। उधर, राजस्थान कांग्रेस के अंदरूनी घटनाक्रम में पायलट ने कहा कि मैंने अपना सुझाव केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दिया है और अब आलाकमान तय करे कि सुझाव पर अमल कब करना है.
जांच पर सवाल उठाते हुए पायलट ने कहा कि जांच में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ गृह मंत्रालय में कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बमबारी के बाद आरोपियों को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गिरफ्तार कर मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन उसके बावजूद हाईकोर्ट ने कहा है कि जांच ढंग से नहीं हुई तो यह गंभीर मामला है.
इसके अलावा राजस्थान में स्वास्थ्य अधिकार बिल के खिलाफ काम कर रहे डॉक्टरों ने सचिन पायलट से मुलाकात कर अपनी स्थिति बताई. डॉक्टरों से मुलाकात के बाद पायलट ने कहा कि सरकार को डॉक्टरों की बात सुननी चाहिए क्योंकि इसका खामियाजा राज्य भर के मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.
पायलट ने कहा कि जब हजारों लोगों को इलाज की जरूरत है लेकिन नहीं मिल रहा है तो ऐसी स्थिति में किसी भी पक्ष को मजबूती से खड़ा नहीं होना चाहिए और सार्थक संवाद से समाधान निकालना चाहिए. पायलट ने कहा कि हमारी पार्टी की सरकार है, इसलिए हम समस्या के समाधान के लिए काम करते रहेंगे.