ब्रिटिश खगोलविदों ने एक सुपरमैसिव ब्लैक होल की खोज की है। यह सूर्य के द्रव्यमान का 33 अरब गुना है। यह अब तक खोजे गए सबसे बड़े ब्लैक होल में से एक है। वैज्ञानिकों की टीम का शोध बुधवार को रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के मासिक नोटिस पत्रिका में प्रकाशित हुआ। इंग्लैंड के डरहम विश्वविद्यालय में शोध और भौतिकी विभाग से लिखने वाले डॉ. जेम्स नाइटिंगेल ने कहा कि एक खगोलशास्त्री के तौर पर भी मेरे लिए यह समझना मुश्किल है कि यह चीज कितनी बड़ी है।
जेम्स नाइटिंगेल ने कहा कि यह ब्लैक होल अब तक खोजे गए सबसे बड़े ब्लैक होल में से एक हो सकता है, क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लैक होल इससे बड़ा नहीं हो सकता। उनका कहना है कि यह शोध समूह के लिए बहुत ही रोमांचक है। आसमान में फैले ऐसे कई ब्लैक होल हैं। वे सूर्य के द्रव्यमान का 10 से 40 अरब गुना अधिक हैं।
पिछले साल, 2022 में मैसाचुसेट्स में हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स और मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से 1,560 साल पुराने एक सुपरमैसिव ब्लैक होल की खोज की थी। दो साल पहले एक विशालकाय ब्लैक होल गायब हो गया था, जो सूर्य से करीब 100 अरब गुना ज्यादा बड़ा था, नासा के वैज्ञानिक इसका पता नहीं लगा पाए हैं। नासा इस लापता ब्लैक होल को खोजने के लिए चंद्रा एक्स-रे वेधशाला और नासा हबल स्पेस टेलीस्कोप का उपयोग कर रहा है, लेकिन अभी तक इसका कोई संकेत नहीं मिला है।
बता दें कि ब्लैक होल अंतरिक्ष में ऐसे स्थान होते हैं जहां भौतिकी के नियम काम नहीं करते। इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि इसके खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता। यहां तक कि प्रकाश भी इसमें जाने के बाद बाहर नहीं निकल सकता।