राजस्थान में चुनाव में उतरने के लिए केजरीवाल की आम आदमी पार्टी बड़ा प्लान लेकर आई है. इसके लिए पिछले दिनों दिल्ली में गहन विचार विमर्श भी किया गया था. राजस्थान पार्टी के कई नेता मीटिंग में मौजूद रहे. दरअसल, पार्टी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चहरे पर चुनाव में उतारने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाई है। पार्टी की मीटिंग का असर जुलाई के मध्य से दिखने भी लगेगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय मिश्र ने उनका आदेश ले लिया. सूत्रों की मानें तो दिल्ली में कुल चार घंटे तक विचार विमर्श हुआ है. राजस्थान चुनाव में पार्टी किस तरह से और किस दबाव में उतरेगी, इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चहरे पर चुनाव लड़ा जा सकता है. इतना ही नहीं पार्टी घर-घर जाएगी. लोगों को पर्चे बांटे जाएंगे और पंजाब व दिल्ली सरकार की गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी।
इस बार आप ने राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव की सभी सीटों पर लड़ने की तैयारी की है. इसके लिए 80 लोगों तक के नाम फाइनल किये गये थे. सूत्रों का कहना है कि इस बार पार्टी ने मजबूती के साथ चुनाव में उतरने का फैसला किया है. इसके लिए राज्य प्रभारी जल्द ही जयपुर आएंगे। एक बड़ा सम्मेलन भी होगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच अलग से बैठक कराने का समर्थन किया जा रहा है. इसके लिए एक सम्मेलन भी हो चुका है.
उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल में राज्य में कानून व्यवस्था की ऐसी हालत देखने को नहीं मिली. सीएम अशोक गहलोत ने लोगो को नजरअंदाज किया और अपनी सीट बचाने की कोशिश की. पूरे कार्यकाल के दौरान लोक व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर सीएम चुप थे. भाजपा चुपचाप देखती रही। इसलिए अगले चुनाव में जनता दोनों पार्टियों के मंसूबों को ध्वस्त कर देगी. कांग्रेस शासन के दौरान राज्य में भ्रष्टाचार और अपराध के कारण नौकरशाही का राज था। लेकिन अब चुनावी मौसम में जब सीएम गहलोत ज्यादा ताकत दिखा रहे हैं, ऐसे में पुलिस के सामने दिनदहाड़े फायरिंग कैसे हुई, इससे साफ है कि अपराधियों को कानून और पुलिस का डर नहीं है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने न तो जनता की सुध ली और न ही उनके सुख-दुख में शामिल हुए. आज वह सार्वजनिक भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाकर जनता के साथ सक्रिय रहने की कोशिश करते हैं।