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मंगला गौरी व्रत पर करें ये उपाय, मिलेगा मनचाहा जीवन-साथी, जानिए पूजा विधि और महत्व

आज 1 अगस्त मंगल बार के दिन माँ मंगला गौरी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन देवी गौरी यानी पार्वती की पूजा की जाती है, इसलिए इस व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है। सावन माह में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत करने का विधान है। मंगला गौरी व्रत को मोरकट व्रत के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती की दृष्टि में प्रसिद्ध है। इसलिए सावन माह में सोमवार को भगवान शिव और मंगलवार को देवी गौरी की पूजा को शास्त्रों में शुभ और मंगलकारी बताया गया है।

मंगला गौरी व्रत रखने से विवाह में हो रही देरी समाप्त हो जाती है और व्यक्ति को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। साथ ही वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है और आपके पार्टनर की सुरक्षा रहती है। इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है और गृह क्लेश दूर होते हैं। मंगला गौरी व्रत करने से तीनों लोकों में प्रसिद्धि मिलती है और धन में वृद्धि होती है।

नवविवाहित महिला को सावन के पहले महीने में अपने पिता के घर में और शेष चार वर्षों में अपने पति के घर में व्रत करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार, जो महिलाएं सावन के महीने में मंगलवार का व्रत रखकर मंगला गौरी की पूजा करती हैं, उनके पति की परेशानियां दूर रहती हैं और वे लंबे समय तक वैवाहिक जीवन का आनंद लेती हैं।

इस दिन नवविवाहित महिला को दैनिक कार्यो से निवृत्त होकर दृढ निश्चय करना चाहिए कि मैं संतान, सौभाग्य और सुख की प्राप्ति के लिए मंगला गौरी व्रत का अनुष्ठान कर रही हूं। तत्पश्चात आचमन एवं मार्जन कर चैकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर मां की प्रतिमा रखे और प्रतिमा के सामने बैठ जाएं, आटे से दीपक बनाएं और उसमें सोलह बत्तियां जलाएं।

फिर माता के सामने 16 लड्डू, 16 फल, 16 पान के पत्ते, 16 लौंग और इलायची तथा भोजन और मिठाइयां रखें, भोजपत्र और कलम से अष्टगंध और चमेली से लिखा हुआ मंगला गौरी यंत्र तैयार करें। श्री मंगला गौरी का पूजन करें और इस मंत्र का जाप करें। मंत्र है- ‘कुंकुमागुरुलिप्तांगा सर्वाभरणभूषिताम्। नीलकण्ठप्रियां गौरीं वन्देहं मंगलाह्वयाम्।।’ मंत्र का जाप 64,000 बार करना चाहिए।

फिर मंगला गौरी की कथा सुनें. फिर 16 दीपकों से मंगला गौरी की आरती करें। पांच साल तक मंगला गौरी पूजन करने के बाद पांचवें वर्ष के सावन के अंतिम मंगलवार को इस व्रत का उद्यापन करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन पुरुषों की कुंडली में मांगलिक योग होता है उन्हें मंगलवार के दिन व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इससे आपकी कुंडली में मंगल ग्रह का अशुभ प्रभाव कम हो जाएगा और वैवाहिक जीवन खुशहाल हो जाएगा।

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