उदयपुर संभाग के डूंगरपुर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां 10वीं कक्षा की गैंगरेप पीड़िता ने फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की. उसकी हालत अब गंभीर बताई जा रही है और वह डूंगरपुर सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं। इस बीच, पुलिस ने बलात्कार के एक संदिग्ध को शनिवार सुबह गिरफ्तार कर लिया, जिसका शनिवार सुबह मेडिकल करवाया गया है।
पीड़िता से जुड़ी गैंगरेप की यह घटना एक दिन पहले ही सामने आई थी। डीएसपी अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं. संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया और दो अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। दरअसल हुआ यह की पीड़ित लड़की घर से स्कूल गयी थी। जब लड़की समय से घर नहीं पहुँची तो उसके बाद उसके परिवार ने उसकी तलाश की। परिवार ने कई जगह खोज की। तभी परिवार वाले पीछे पहुंचे तो पीड़िता एक पेड़ पर दुपट्टे के सहारे लटकी हुई दिखाई दी। परिजन उसे तुरंत अस्पताल ले गए।
पुलिस कमिश्नर कुंदन कावरिया भी मौके पर आये और पीड़िता का हाल जाना. घटना दोवड़ा थाने की है. थानाधिकारी हेमंत चौहान ने कहा कि लड़की अभी भी अस्पताल में है और वेंटिलेटर पर है। इस बीच, मामले में प्रतिवादी गणेश डामोर को गिरफ्तार कर लिया गया और शनिवार को उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया। इस मामले में बाल समिति ने भी पुलिस कमिश्नर से सच्ची रिपोर्ट दिलाने का अनुरोध किया है.
बता दें 15 साल की नाबालिग लड़की 10वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है। पीड़ित ने अपने बयान में बताया कि वह हमेशा की तरह स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी। जब वह जा रही थी तो आरोपी राज मीना, जिसे वह जानती थी, अपने साथियों के साथ उसके पास आया और उसे कार में बैठा लिया। वहां से वे उसे कनबा गांव ले गये. फिर उन्होंने राज मीना समेत तीन लोगों ने उसके साथ गैंग रैप किया। फिर उन्होंने लड़की को डूंगरपुर शहर में छोड़ दिया. लड़की ने राहगीर का फोन लिया और अपने पिता को फोन किया। उधर, घटना की सूचना मिलते ही डूंगरपुर कोतवाली पुलिस पहुंची लेकिन लड़की पहले थाने पहुंच गयी. जब यह बात दोवड़ा थाने में हुई तो पुलिस को सूचना दी तो थाना पुलिस आई. नाबालिग ने पुलिस को कहा कि वो अन्य दो युवकों को चेहरे से पहचानती है.