राजस्थान में बीजेपी की परिवर्तन यात्रा 2 सितंबर से शुरू हो रही है. हालांकि, परिवर्तन यात्रा की खास बात यह है कि बीजेपी इस बार कोई मुख्यमंत्री चेहरा नहीं उतारेगी. परिवर्तन यात्रा में वसुंधरा राजे की भूमिका अभी तय नहीं हुई है. इन यात्राओं में अलग-अलग चेहरों पर अलग-अलग दिशाओं में मार्गदर्शन की जिम्मेदारी दी गयी है. गुरुवार को बीजेपी मुख्यालय में एक छोटी सी बैठक में इन बदलावों पर चर्चा का दौर चला. परिवर्तन यात्राएँ एक साथ चार दिशाओं से निकाली जाएंगी।
बीजेपी की ओर से राज्य के चार हिस्सों से परिवर्तन यात्रा निकाली जा रही है. यात्राएं 2 से 25 सितंबर तक प्रत्येक जिले से होते हुए जयपुर पहुंचेंगी। कहा जा रहा है कि यात्रा के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे। यात्रा का समापन राजधानी जयपुर में एक भव्य सभा के रूप में होगा। इन यात्राओं में सभी मंत्री, सांसद और एमईपी प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसके अलावा, स्थानीय दर्शक भी इन यात्राओं में भाग लेंगे।
यात्राएं गोगामेड़ी, त्रिनेत्र गणेश, बेणेश्वर धाम व रामदेवरा से एक साथ रवाना होंगी। मुख्य निकाय की बैठक में इस यात्रा की कार्ययोजना पर चर्चा की गयी. यात्राओं के लिए सेवाओं के स्थानांतरण पर भी चर्चा हुई होगी. हालांकि, बैठक में यह तय नहीं हो सका कि यात्रा का नेतृत्व और दिशा कौन सा नेता करेगा. समझा जा रहा है कि यह फैसला केंद्रीय प्रशासन करेगा. जानकारों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवत, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया और प्रदेश अध्यक्ष पीसी जोशी को जिम्मेदारी देने पर विचार कर रहा है.
ग्रुप मीटिंग के दौरान आने वाले दिनों में नेताओं के दौरे पर भी चर्चा हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगस्त के आखिरी या सितंबर के पहले सप्ताह में जोधपुर और नागौर में सभाएं करेंगे। इसके अलावा केंद्रीय गृह सचिव अमित शाह ने भरतपुर और कोटा जिले में चुनावी सभाएं करने की अनुमति दे दी है. साथ ही बैठक में प्रबंधन की समस्याओं और आने वाले दिनों पर चर्चा की गई.