राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के कर्मचारी पिछले कुछ समय से वेतन और पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। रोडवेज कर्मचारी पेंशन के लिए जब भी कर्मचारियों की ओर से धरना दिया जाता है, तो हालात को देखते हुए सेवानिवृत कर्मचारियों की पेंशन तैयार की होती है. कर्मचारियों की एक से दो महीने की सैलरी हमेशा बकाया चलती रहती है. यह बात कई बार दोहराई जा चुकी है और विरोध प्रदर्शनों के जरिये कर्मचारियों ने अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की खशीश भी की, हालांकि स्थानीय सरकार की नींद नहीं खुल रही है.
यही कारण है कि मंगलवार को राज्य के बस स्टेशनों पर धरना देकर हाईवे कर्मचारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। कर्मियों ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो चक्काजाम कर हड़ताल करेंगे. रोड कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन पर इंटक अध्यक्ष भूपेन्द्र शर्मा ने कहा कि राजस्थान रोडवेज यूनियन ने मंगलवार को जोधपुर के बस स्टेशन पर एक साथ 11 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों को इस परियोजना के बारे में सूचित कर दिया गया है।
इंटक अध्यक्ष ने कहा कि रोडवेज बस स्टैंड पर किए गए प्रदर्शन के दौरान सरकार से उनकी मांगों पर जवाब देने को कहा गया. साथ ही, राजस्थान रोड्स यूनियन के संयुक्त मोर्चा प्रशिक्षित कर्मचारियों ने रोडवेज बचाओ, रोजगार बचाओ आंदोलन के पांचवें चरण की शुरुआत की है. विरोध प्रदर्शन के साथ ही कर्मचारियों ने राज्य सरकार को 5 सितंबर से हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी.
कर्मचारी ने अर्धनग्न होकर कहा कि इस प्रदर्शन के जरिए हम सरकार को संदेश भेजेंगे. अगर सरकार हमारे जायज कानून को नहीं मानती है तो 5 सितंबर से रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे. इस हड़ताल की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है.