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रक्षाबंधन पर्व 31 अगस्त को मनाया जाना ही शास्त्र सम्मत एवं शुभता कारक है : ज्योतिष एवं धर्मशास्त्र परिषद

बूंदी 27अगस्त। बुंदिस्थ ज्योतिष एवं धर्मशास्त्र परिषद की रविवार को दोपहर चैन राय जी का कटला स्थित माधव ज्योतिष कार्यालय पर रक्षाबंधन पर्व आयोजन के संबंध में स्पष्टीकरण हेतु कार्यकारिणी की विशेष बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता दैवज्ञ पंडित श्रीकांत चालक देवी वालों ने की। जन मानस में व्याप्त भ्रांतियां व भ्रमपूर्ण स्थितियों के निवारण हेतु तीन घंटे से लंबी चली बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि शास्त्र अनुसार रक्षाबंधन पर्व 31 अगस्त को ही मनाया जाना शास्त्र सम्मत है।

परिषद के वरिष्ठ सदस्य पंडित लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि आगामी रक्षाबंधन के संबंध में स्कंद पुराण, भविष्योत्तर पुराण, स्मृति कौस्तुभ आदि ग्रन्थों के आधार पर उदयकालीन पूर्णिमा दिनांक 31 अगस्त गुरुवार को मनाया जाना शास्त्र सम्मत एवं शुभता कारक हैl बैठक में प्रवक्ता पं विनोद गौतम जगन्नाथपुरा ने भद्रा विचार, पं सीताराम जोशी ने काशी पंचांग, पं मनोज जोशी ने विभिन्न धर्म शास्त्र परिषद के निर्णयों, लक्ष्मीकांत शर्मा ने स्कंद पुराण व भविष्योत्तर पुराण,पंडित शिवकांत शर्मा ने उदयात तिथि व लोक कल्याण पक्ष पर शास्त्रीय मतों को बैठक में प्रस्तुत किया, अध्यक्ष श्रीकांत शर्मा ने पूर्व ऐतिहासिक परिपेक्षता का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए 31 अगस्त के रक्षाबंधन पर्व मनाने को विवाद रहित व सार्वत्रिक सत्य के रूप में उल्लेखित किया। बैठक का संचालन करते हुए मंत्री पं पुरुषोत्तम शर्मा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। परिषद द्वारा शास्त्रोक्त मंत्रोच्चार के साथ विश्व शांति व जनकल्याण की कामना की गई। पं सुरेश शर्मा बड़ोदिया ने आभार प्रकट किया।

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Author: liveworldnews

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